जम्मू-कश्मीर की जेलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जेल प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। प्रशासन ने बताया कि जेल के कैदियों के लिए टीकाकरण अभियान प्रगति पर है। जानकारी के मुताबिक अभियान को म्यांमार के 200 से अधिक अवैध प्रवासियों के ‘होल्डिंग सेंटर’ आवास से शुरू किया गया है। यह जानकारी महानिदेशक कारागार विभाग वीके सिंह ने दी है। वीके सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश की 13 जेलों में कैद साढ़े चार हजार से अधिक कैदियों में से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है। यह अभी तक की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अन्य जगहों में कोरोना संक्रमण के शिकार लोग हो रहे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा जेलों में भी टीकाकरण अभियान जारी है और वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बाद इसे तेज किया जायेगा।
डीजीपी वीके सिंह ने बताया कि 3,426 की कुल क्षमता के खिलाफ 13 जेलों में 4,550 कैदी बंद हैं। जिसमें 1,000 से अधिक संदिग्ध आतंकवादी और 69 विदेशी नागरिक, 24 पाकिस्तान से, 13 पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) से, 15 बर्मा, आठ नेपाल, पांच बांग्लादेश, तीन चीन और एक हॉलैंड का है। उन्होंने कहा कि पिछले साल महामारी के प्रकोप के बाद कैदियों के बीच सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने को उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 4,204 कैदियों को जमानत पर और 41 अन्य को इस साल मार्च से पैरोल पर रिहा कर दिया था। कोरोना के कारण दो बुजुर्ग कैदियों की मौत भी हुई थी। वहीं 542 कैदियों को सफल उपचार के बाद संक्रमण से बचाया गया था।
गौरतलब है कि मार्च में विशेष सत्यापन अभियान के दौरान जम्मू शहर में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को होल्डिंग सेंटरों में रखा गया था। इसमें 74 महिलाओं और 35 बच्चों सहित कुल 201 रोहिंग्या हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 से अधिक विदेशी जम्मू और सांबा जिले में बसे हुए हैं। जहां 2008 से 2016 के बीच उनकी आबादी 6,000 से अधिक हो गई है। जिनके खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करेगी।