
जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय स्तर पर कारोबार, निवेश और रोजगार के अवसर जुटाने के मकसद से जम्मू कश्मीर सरकार ने पालिसी एडवोकेसी रिसर्च सेंटर (पीएआरसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते का पहला चरण राजौरी, पुंछ और बनिहाल में पैदा होने वाले बाजरा व दलहन पर केंद्रित है। वहीं आने वाले दिनों में अन्य जिलों के कृषि और बागवानी उत्पादों को वैल्यू एडिशन में शामिल किया जाएगा। उनके लिए भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेत से बाजार तक का संपर्क तैयार किया जायेगा। जम्मू कश्मीर सरकार और पीएआरसी (पालिसी एडवोकेसी रिसर्च सेंटर) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों को चिह्नित कर उन्हें जम्मू-कमीर में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाये। यह निवेश तक सीमित नहीं होगा, हम स्थानीय उद्यमियों की क्षमता विकास के लिए भी कपंनियों के साथ सहयोग व साझेदारी करेंगे। समझौते पर कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी, जम्मू-कश्मीर ट्रेड प्रोमोशन आर्गेनाइजेशन की प्रबंध निदेशक अंकिता कार और पीएआरसी निदेशक किरण शेलर ने हस्ताक्षर किए हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कृषि क्षेत्र ने आज एक नई शुरुआत की है। इस समझौते से कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। वहीं इससे उत्पादकता में वृद्धि और गुणवत्ता में भी सुधार होगा। पीएआरसी के साथ समझौते से कृषि विभाग को कृषि उत्पादों के लिए खेत से आम ग्राहक तक अथवा एंड-टू-एंड श्रृंखला मजबूत करने में मदद मिलगी। उन्होंने कहा कि समझौते से राष्ट्रीय स्तर पर कारोबार, निवेश और रोजगार के अवसर जुटाने में जम्मू कश्मीर को पूरा अवसर मिलेगा। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार आर्थिक सुधारों के माध्यम से प्रदेश में निवेश के अनुकूल पारिस्थितिकीय तंत्र तैयार कर रही है। इसके लिए विभिन्न नए बाजार तलाशने और संभावित निवेशकों के साथ सहयोग और साझेदारी की जा रही है। वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ ही सभी हितधारकों को विकास के एक समान लक्ष्य के लिए प्रेरित किया जा रहा है।