J&K सचिवालय की 3 लाख से अधिक फाइल हुई डिजिटलाइज, दरबार मूव के दौरान करोड़ों रुपये की होगी बचत
    14-जून-2021
 
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जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा अब पहले की तरह खर्चीला नहीं होगा। क्योंकि  जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 3.50 लाख फाइलों के 2 करोड़ से अधिक पन्नों को 'ई-ऑफिस' प्रॉजेक्ट के तहत सफलतापूर्वक डिजिटलाइज किया है। इससे जहां करोड़ों रुपये की बचत होगी, वहीं इन फाइलों को दरबार मूव के दौरान जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू ले जाने की जरूरत भी नहीं होगी।


कश्मीर संभाग के डिविजनल कमिश्नर पीके पोल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि पहली बार फाइलों को डिजिटल कर दिया गया है और ई-ऑफिस मोड में डाल दिया गया है। फाइलें अब जम्मू और श्रीनगर दोनों कार्यालयों में उपलब्ध हैं। यह विकास परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब सचिवालय जम्मू से कार्य कर रहा था तो  श्रीनगर के कार्यों पर प्रभाव पड़ता था। लेकिन फाइलों के डिजिटल होने से अब कहीं भी किसी भी कार्य में दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि दरबार मूव के दौरान फाइलों के भारी बोझ को जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू भेजना पड़ता था। लेकिन ई-कार्यालय और ई- फ़ाइलों से अब शारीरिक रुप से फ़ाइलों को ट्रक के माध्यम से भेजने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। वहीं जम्मू और श्रीनगर दोनों जगहों पर नागरिक सचिवालयों का एक साथ कामकाज प्रणाली विकास कार्यों को तेज गति देगा। वहीं दरबार मूव के दौरान होने वाले ऊपरी खर्चों पर भी लगाम लगेगी।



बता दें कि दरबार मूल के दौरान तमाम फाइलों-दस्तावेजों को मूव करने में सैंकड़ों मजदूर, 250 ट्रक और बसों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसका सारा खर्च सरकार वहन करती है। 'ई-ऑफिस' प्रॉजेक्ट के तहत सफलतापूर्वक अलग-अलग विभागों के फाइलों के डिजिटलाइज होने से अब काफी बड़ी संख्या में सरकारी कोष का पैसा बचेगा, जो दूसरे विकास कार्यों में प्रयोग हो सकता है। वहीं अब पूरे साल जम्मू और श्रीनगर सचिवालय में फाइलों के अभाव में कार्य नहीं रूकेगें।


क्या है दरबार मूव परंपरा
 

दरअसल ये करीब 148 साल पुरानी राजसी प्रथा है, जोकि साल में 2 बार निभायी जाती है। गर्मियों में श्रीनगर 6 महीने के लिए राजधानी होती है, सर्दियों में 6 महीनों के लिए जम्मू राजधानी होती है। यानी सर्दियों में जब श्रीनगर में बर्फबारी होती है, तो नवंबर-मई के बीच सचिवालय विंटर कैपिटल में और फिर गर्मियों मई से अक्टूबर के बीच समर कैपिटल श्रीनगर में सचिवालय काम करता है। इसके लिए राज्य सरकार के 40 विभागों के पूरे अमले को इधर से उधर शिफ्ट किया जाता है। इस प्रथा को 1872 में डोगरा महाराजा रणबीर सिंह ने शुरू किया था। जिसके बाद से ये प्रथा लगातार जारी है।