श्रीनगर में सिख लड़कियों को जबरन अगवा करके धर्मपरिवर्तन कराने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, कार्रवाई की मांग

27 Jun 2021 15:45:46

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कश्मीर संभाग के श्रीनगर से दो सिख लड़कियों को अगवा करने और इस्लाम में जबरन धर्मपरिवर्तन का मामला सामने आया है। इनमें से एक लड़की को भारी विरोध प्रदर्शन के बाद परिवार को सौंपा गया है, लेकिन एक लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है। शिरोमणि अकाली दल’ के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी  ने भी इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया है और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप की मांग की है। जानकारी के मुताबिक एक लड़की श्रीनगर के महजूर नगर और दूसरी लड़की बडगाम जिले की रहने वाली है। बड़गाम के गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष संतपाल सिंह ने बताया कि उस लड़की की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम युवक ने प्यार और शादी का झांसा देकर उसे फंसाया है। जिसके बाद उसे जबरन इस्लाम कबूल करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट रूप से ‘लव जिहाद’ का मामला है और सरकार इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
 




उन्होंने बताया कि एसपी ने लिखित में आश्वासन दिया था कि सिख लड़की को खोज कर परिवार के हवाले किया जाएगा, लेकिन कोर्ट का आदेश उनके खिलाफ आ गया है। उन्होंने बताया कि जज ने मुस्लिम पक्ष के हक़ में फैसला सुनाते हुए लड़की को मुस्लिम परिवार को सौंपा है। संतपाल सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान लड़की के परिजनों को कोर्ट के भीतर नहीं जाने दिया गया था और उन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल का बहाना बना कर बाहर ही बिठा दिया गया था। पुलिस ने कहा कि अंदर भीड़ होगी, इसीलिए वो बाहर ही बैठें। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम लड़के के परिजनों को कोर्ट के भीतर जाने दिया गया और लड़की के परिवार के बिना ही उसका बयान दर्ज कर लिया गया है। इतना ही नहीं पूरी सुनवाई के दौरान लड़की के परिजनों को कोर्ट के अंदर जज ने नहीं बुलाया था। संतपाल सिंह ने कहा कि कम से कम 1 सप्ताह के लिए जज को उस लड़की को परिजनों को सौंपना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इसके बावजूद लड़की मुस्लिम लड़के के साथ जाना चाहती होगी, तो फिर कोई नहीं रोकेगा।
 




श्रीनगर में प्रदर्शन के दौरान मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मनमीत और धनमीत दो बच्चियों को जबरन बंदूक के दम पर अगवा किया गया है। जिसके बाद उन्हें इस्लाम कबूल कराकर अधेड़ उम्र के व्यक्तियों के साथ उनकी शादी करा दी गई है। वहीं बीते शनिवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान परिजनों को नहीं जाने दिया गया। लेकिन जब सभी लोगों ने प्रदर्शन किया, तो रात के 10 बजे मनमीत कौर को परिवार हवाले किया गया है। लेकिन धनमीत अभी भी मुस्लिम परिवार के कब्जे में है। उन्होंने कहा लड़कियों को जबरन धर्मपरिवर्तन कराया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने मुस्लिम बहुसंख्यकों से पीड़ितों के पक्ष में खड़े होने की अपील की है। उन्होंने याद दिलाया कि सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान कैसे उन सभी लोगों मुस्लिम लड़कियों को साउथ इंडिया, मुंबई और पुणे से वापस लाकर उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया था। उन्होंने मुस्लिमों से अपील की है कि वह आगे आकर मदद करे।  क्योंकि कश्मीर की घाटी में भाईचारा कायम रखने के लिए ये आवश्यक है।  कोर्ट के बाहर मौजूद लोगों ने कहा कि जज ने सुनवाई के दौरान पूछा तक नहीं कि लड़की के परिजन कहां हैं। प्रदर्शनकारी सिखों ने जम्मू कश्मीर में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि माता-पिता के हस्ताक्षर के बिना लड़की को कैसे किसी को सौंपा जा सकता है? वहीं मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इन आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि घाटी में ‘लव जिहाद’ के कई मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये अल्पसंख्यकों के प्रति दोहरे रवैये की ओर इशारा करता है। वहीं तजिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा कि कश्मीर में सिखों के साथ पिछले 70 वर्षों से दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है और उनके लिए कुछ नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि जहां सिख दूसरे समुदाय की लड़कियों की रक्षा करते हैं, हमारे लिए बहुसंख्यक मुस्लिमों में से एक व्यक्ति ने भी आवाज़ नहीं उठाई है।


 
 
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