J&K के बेटों-बेटियों को मिली बड़ी राहत, राज्य के बाहर शादी करने पर भी जीवनसाथी को मिलेगा डोमिसाइल
जम्मू-कश्मीर सरकार ने अब राज्य की बेटियों से शादी करने वाले पुरुषों और पुरुषों से शादी करने वाली बाहरी राज्य की बेटियों को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने का अहम फैसला किया है। नए नियम के तहत अब राज्य की निवासी और डोमिसाइल सर्टिफिकेट रखने वाली युवती से शादी करने वाले पुरुषों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसी तरह से प्रदेश के युवकों से ब्याही गई दूसरे राज्यों की बेटियों को भी विवाह प्रमाण पत्र देकर आसानी से डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिल सकेगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद बनी डोमिसाइल सर्टिफिकेट व्यवस्था में जम्मू-कश्मीर की बेटियों को तो इंसाफ मिल गया था। लेकिन उनके पतियों के अधिकारों को लेकर संशय बना हुआ था। कई बार यह मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाया गया था, क्योंकि जम्मू-कश्मीर की बेटियों के परिवारों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाने संबंधित कानून में संशोधन करके प्रदेश की बेटियों के पतियों को डोमिसाइल प्रमाण पत्र देने का रास्ता साफ कर दिया है।
उपराज्यपाल प्रशासन के इस अहम फैसले के कारण अब हजारों ऐसे परिवारों को राहत मिली है, जो जम्मू-कश्मीर की युवतियों से शादी करने के बाद भी इस प्रदेश में ना तो सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते थे और ना ही अपने नाम से संपत्ति खरीद सकते थे। लेकिन अब संबंधित कानून में संशोधन होने के बाद वह ना सिर्फ राज्य के स्थायी निवासी बनेंगे, बल्कि वह अपनी संपत्ति भी खरीद सकते हैं। बता दें कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल व्यवस्था की शुरूआत की थी, तो उसमें यह व्यवस्था रखी गई थी कि केवल 15 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर में रहने, निर्धारित अवधि तक प्रदेश में सेवाएं देने और विद्यार्थियों के लिए निर्धारित नियमों के अधीन आने वाले लाभार्थी ही डोमिसाइल सर्टिफिकेट के हकदार होंगे। लेकिन उसके बाद सरकार ने अब नियमों में संशोधन किया है।
जम्मू-कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग ने बीते मंगलवार को अधिसूचना जारी कर डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियमों में सातवां नियम शामिल किया है। उपराज्यपाल प्रशासन ने कहा कि उन्होंने यह नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 का प्रयोग करते हुए ही जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज (डीसेंट्रलाइजेशन एंड रिक्रूटमेंट) एक्ट 2010 की धारा 15 के तहत शामिल किया है। हालांकि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में ना तो पति और ना ही पत्नी का जिक्र किया गया है, लेकिन यह अवश्य कहा गया है कि इस श्रेणी में आने वाले आवेदक को डोमिसाइल हासिल करने के लिए केवल अपने जीवनसाथी का डोमिसाइल प्रमाणपत्र और विवाह प्रमाणपत्र जमा करवाना होगा। सभी औपचारिकताएं पूरा करने पर संबंधित तहसीलदार डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 तक करीब 32 लाख से ज्यादा लोगों का डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी हुआ है। वहीं कुल 35 लाख से अधिक लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था। लेकिन दस्तावेजों की कमी की वजह से कई लाख लोगों का आवेदन रद्द हुआ था।