पाकिस्तान में एक अफगानिस्तान राजनयिक की बेटी के अपहरण पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह एक हैरान कर देने वाली घटना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान के हालात पर कहा है कि भारत एक करीबी पड़ोसी होने के नाते अफगान सरकार और लोगों को एक सुरक्षित, स्थिर, लोकतांत्रिक अफगानिस्तान बनाने के प्रयासों में पूरा समर्थन देता है। पाकिस्तान में हाल ही में अफगानिस्तान राजदूत की बेटी से हुई बदसलूकी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह निश्चय ही एक झकझोरने वाली घटना थी। पाकिस्तान ने जिस तरह से पीड़ित की बातों को खारिज करने का प्रयास किया है वो पाकिस्तान सरकार में गिरावट का नया स्तर है।
दरअसल इस मामले में पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने अजीबोगरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस अपहरण कांड के पीछे अफगानिस्तान और भारत हैं। दोनों देश जान-बूझकर वारदात से संबंधित तथ्यों को छिपा रहे हैं। रावलपिंडी में संवाददाताओं से बातचीत में शेख राशिद ने कहा कि राजनयिक की बेटी का अपहरण कोई आपराधिक वारदात नहीं है। वास्तव में यह पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश है। शेख राशिद अहमद का कहना था कि पाकिस्तान के खिलाफ लगातार ऐसी साजिशें हो रही हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय संबंध एक रणनीतिक समझौते से चलते हैं, जिस पर अक्टूबर 2011 में में हस्ताक्षर किया गया था। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान के हमले के बीच अफगानिस्तान सेना की मदद करने की कोई योजना है ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय संबंध एक रणनीतिक समझौते से निर्देशित होते हैं, जिस पर अक्टूबर 2011 में हस्ताक्षर किया था। उन्होंने आगे कहा कि एक पड़ोसी के रूप में भारत एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक और समृद्ध भविष्य को साकार करने में सरकार और लोगों का समर्थन करता है, जिसमें अफगानिस्तान के सभी वर्गों के हितों में महिलाएं और अल्पसंख्यक शामिल हैं।
वहीं वैक्सीन कूटनीति और को वैक्सीन को मंजूरी देने पर उन्होंने कहा है कि भारत का घरेलू टीकाकरण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन को मजबूत करने के लिए भारत कई मोर्चों पर प्रयास कर रहा है, जिसमें विभिन्न देशों से सहायता भी शामिल है। भारत की को वैक्सीन को WHO मंजूरी के संदर्भ में भारत बायोटेक ने सभी जरूरी दस्तावेज इस माह की शुरूआत में जमा कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिक जानकारी कंपनी ही मुहैया करा सकती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के आधे से ज्यादा देशों ने कोविशील्ड को मंजूरी दे दी है।