24 जुलाई से अमरनाथ छड़ी मुबारक यात्रा शुरू, कई मंदिरों में भी होगा आयोजन
    23-जुलाई-2021

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कोरोना संक्रमण के बीच कल यानी शनिवार 24 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) पर अमरनाथ छड़ी मुबारक यात्रा को शुरू किया जाएगा। इस दौरान पहलगाम में भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद अगस्त के महीने में श्रीनगर में ऐतिहासिक मंदिरों में भी छड़ी मुबारक यात्रा जाएगी। बता दें कि कोविड के चलते इस बार भी ‘स्वामी अमरनाथ छड़ी मुबारक’ सांकेतिक रहेगी। जिसके बाद आखिरी पड़ाव में छड़ी को चॉपर से पवित्र गुफा तक लेकर जाएगा। गौरतलब है कि कोविड के कारण इस साल अमरनाथ यात्रा को रद्द किया गया है। छड़ी मुबारक के महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में शनिवार को छड़ी मुबारक का पहलगाम से आध्यात्मिक गतिविधियों से शुभारंभ होगा। इसमें विभिन्न तरह के पूजन के बाद 8 अगस्त अमावस्या के दिन पूजन के लिए छड़ी मुबारक यात्रा ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर जाएगी, यहां अगले दिन 9 अगस्त को हरि पर्वत श्रीनगर स्थित मां शारिका भवानी के मंदिर में पूजा अर्चना की जायेगी। इसके बाद दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में स्थित श्री अमरेश्वर मंदिर में 11 अगस्त को छड़ी का पूजन कर वहां स्थापित किया जाएगा।




बता दें कि पारंपरिक रूप से छड़ी मुबारक आखिरी पड़ाव में पहलगाम ट्रैक पर चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी से पवित्र गुफा तक पहुंचती है। लेकिन इस बार पहलगाम ट्रैक को क्लीयर नहीं किया जा सका है। जिससे इस ट्रैक से छड़ी मुबारक जाना संभव नहीं है। इस वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी चॉपर के माध्यम से श्रीनगर के पवित्र गुफा तक सीमित छड़ी मुबारक के सदस्यों को ले जाया जायेगा। महंत दीपेंद्र गिरी ने कहा कि अभी पहलगाम ट्रैक से उन्हें अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से कोई शेड्यूल नहीं मिला है। कोविड महामारी के कारण इस साल भी चॉपर के माध्यम से ही छड़ी यात्रा के पवित्र गुफा तक पहुंचने की ज्यादा संभावना है। हालांकि इसके लिए अभी आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। बता दें कि यात्रा रद्द होने के बाद श्राइन बोर्ड की ओर से सभी पारंपरिक आध्यात्मिक गतिविधियां की जा रही हैं। इस बार देश विदेश के श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा में प्रात: और सायंकाल में बाबा बर्फानी के लाइव दर्शन से जोड़ा गया है। जिससे वर्चुअल दर्शन में भक्तों को आरती और हवन को देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इस साल यात्रा के रद्द होने पर यात्रियों की आवाजाही ना होने के कारण पवित्र गुफा में हिमलिंग बड़े आकार में विराजमान हैं।



ऑनलाइन बुक कर सकते हैं पूजा, हवन और प्रसाद सेवा

कोविड के कारण बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन करने में असमर्थ लाखों भक्तों के लिए श्राइन बोर्ड वर्चुअल मोड के तहत दर्शन, हवन और प्रसाद सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। भक्त अपनी पूजा, हवन और प्रसाद ऑनलाइन बुक कर सकते हैं और पवित्र गुफा के पुजारी इसे भक्त के नाम पर प्रसाद चढ़ाएंगे और प्रसाद बाद में भक्तों के दरवाजे तक पहुंचाया जायेगा।


48 घंटे के अंदर प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था
 

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में बताया था कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की नई ऑनलाइन सेवाओं के शुभारंभ के साथ दुनिया भर से भगवान शिव के भक्त पवित्र गुफा में ऑनलाइन आभासी पूजा और हवन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से भक्तों के लिए ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग सेवा का भी विस्तार किया गया है। वहीं बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने कहा कि हम 48 घंटे के भीतर प्रसाद भेजने के लिए डाक विभाग के साथ व्यवस्था कर रहे हैं। इस पोर्टल को श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र  जम्मू-कश्मीर की मदद से विकसित किया गया है। नीतीश्वर कुमार ने कहा कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड भक्तों के लिए वर्चुअल पूजा, नाम से वर्चुअल हवन (दर्शन के साथ) और ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग समेत ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सेवाओं को 6 जुलाई से वर्चुअल पूजा के लिए 1100 रुपये का भुगतान करके, 1100 रुपये प्रसाद बुकिंग के लिए (अमरनाथ जी के 5 ग्राम चांदी के सिक्के के साथ), 2100 रुपये प्रसाद बुकिंग के लिए (अमरनाथ जी के 10 ग्राम चांदी के सिक्के के साथ) और 5100 रुपये में विशेष हवन करा सकते हैं। इसके अलावा अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से बुक ऑनलाइन पूजा/हवन/प्रसाद लिंक पर क्लिक करके या फिर बोर्ड के मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी ऐसा कर सकते हैं। नीतीश्वर ने कहा कि आभासी पूजा या हवन पवित्र गुफा पुजारी द्वारा गुफा मंदिर में मंत्रों और श्लोकों के जाप के साथ भक्त के नाम और गोत्र का उच्चारण करके किया जायेगा। बता दें कि आरती का सीधा प्रसारण 28 जून से 22 अगस्त तक किया जा रहा है। आरती श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रसारित हो रही है। सुबह 6 बजे से लेकर 6.30 बजे तक और शाम को 5 बजे से लेकर 5.30 बजे तक आरती का प्रसारण होता है।