15 अगस्त, वीरता पुरस्कारों की घोषणा, J&K पुलिस को वीरता के लिए 256 वीरता पुरस्कार और एक राष्ट्रपति पुलिस पदक

14 Aug 2021 15:59:55

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गृह मंत्रालय ने शनिवार को राष्ट्रीय गैलेंट्री अवार्ड और सर्विस अवॉर्ड की लिस्ट जारी की है। इस बार 662 पुलिस कर्मियों को मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक, 628 कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, 88 कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा। बता दें कि इस साल कुल 1,380 पुलिस कर्मियों को पदक मिलेगा। 75वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कुल 23 जवानों में 20 को मई-जून, 2020 में पूर्वी लद्दाख की झड़पों में बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह सीमा पर आमने-सामने की भीषण झड़पों/ सीमा की रक्षा करने वाले कर्तव्यों में अपने जवानों की बहादुरी के लिए ITBP को दिए गए सबसे अधिक वीरता पदक हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस को इस साल 256 वीरता पुरस्कार और एक राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। राष्ट्रपति पुलिस पदक (PPMG) में एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसआई अमरदीप और एक सीआरपीएफ जवान काले सुनील दत्तात्रेय को (मरणोपरांत) सम्मानित किया जाएगा।
 




एएसआई अमरदीप की वीरता की कहानी

20 अगस्त 2019 के दिन बारामूला जिले के गांव गनी हमाम ओल्ड टाउन में लगभग शाम के 5 बजे खुफिया जानकारी मिली थी कि  नज़ीर अहमद डार के घर में आतंकवादी मौजूद हैं। जिसके बाद बारामूला पुलिस, 46 राष्ट्रीय राइफल्स और 53 बटालियन सीआरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई की योजना तैयार की थी। जिसके बाद शाम 7 बजे सेना और 46 राष्ट्रीय राइफल्स ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जिसके बाद सीआरपीएफ की टीम द्वारा सबसे पहले टारगेट हाउस से सटे मकानों को खाली कराया गया था। ऑपरेशन के दौरान टारगेट हाउस में घुसने के दौरान छिपे हुए आतंकियों ने सर्च पार्टी पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग शुरू की थी। शुरूआती गोलाबारी में अमरदीप परिहार और एसपीओ बिलाल अहमद को गंभीर चोटे आई थी। लेकिन उसके बावजूद घायल एसपीओ बिलाल अहमद और अमरदीप ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए घर के अंदर नागरिकों के लिए खतरे को भांपते हुए घायल नागरिकों और अन्य नागरिकों को टारगेट हाउस से सुरक्षित बाहर निकाला था। ताकि किसी भी सिविलियन को नुकसान ना पहुंचे। अमरदीप गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद सिविलयन को सुरक्षित निकाला था। गोलाबारी में एसपीओ बिलाल अहमद मगरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी। शहीद होने से पहले एसपीओ बिलाल अहमद ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया था। वहीं ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों के सामने चुनौती थी घर के अंदर पहुंच चुके घायल पुलिसकर्मियों और कुछ फंसे हुए नागरिकों को बाहर निकालना था। जिसके लिए दो टीमों का गठन किया गया था। पहले टीम का नेतृत्व इरशाद अहमद और दूसरे इंसप्र टीम का नेतृत्व इंसप्र कर रहे थे। जब टीम द्वारा मुख्य रूप से घायल पुलिस कर्मियों और फंसे हुए नागरिकों को निकाला जा रहा था, उस वक्त आतंकवादी ने फिर से गोलियां चलाई थी। लेकिन इसके बावजूद पहली टीम ने फंसे हुए नागरिक और घायल पुलिस कर्मियों को सफलता पूर्वक निकाला था। इस दौरान दूसरी टीम को निकासी प्रक्रिया के लिए कवर फायर देने का काम सौंपा गया था। मारे गए आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे।



शहीद सुनील दत्तात्रेय की वीरता की कहानी

23 जून 2020 के दिन पुलवामा जिले के बंदजू गांव में सुबह 4.30 बजे आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। जिसमें सीआरपीएफ, 55 राष्ट्रीय राइफल्स और जेके पुलिस के जवान संयुक्त रूप से शामिल थे। ऑपरेशन के तहत संयुक्त सुरक्षाबलों की टीम ने 14-15 घरों के एक समूह को घेर लिया था। जहां आतंकवादियों की मौजूदगी का संदेह था। करीब 5 बजकर 25 मिनट पर एके राइफल से लैस एक आतंकवादी खिड़की से कूदकर भागने लगा। सुनील दत्तात्रेय जो सर्च ऑपरेशन की टीम में सबसे आगे थे, उन्होंने  बिना अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना फायरिंग करते हुए आतंकवादी की तरफ दौड़ पड़े और उसे मार गिराया। उसी समय उसी घर में छिपा दूसरा आतंकी दूसरी खिड़की से कूदा और सुरक्षाबलो के ऊपर फायरिंग शुरू कर दी, उस दौरान सुनील दत्तात्रेय ने तुरंत अपने पीछे के अन्य कर्मियों के ऊपर उत्पन्न खतरे को समझ लिया और अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना दूसरे आतंकवादी का सामना करने लगे। इस दौरान आतंकी बगल के घर में छिप गया और फायरिंग शुरू कर दी। इसी दौरान सुनील दत्तात्रेय के सिर पर गोली लग गई और वे गिर पड़े थे। गुलशन सिंह  जो सुनील दत्तात्रेय के पीछे थे, वह आतंकवादी पर फायरिंग करते रहे और उसे भागने से रोक दिया था। गुलशन सिंह ने फिर घायल काले सुनील दत्तात्रेय को मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकालने के लिए कवरिंग फायर किया और उसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पुलवामा में पहुंचाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। साथियों को बचाते हुए अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए एचसी/जीडी काले सुनील दत्तात्रेय मातृभूमि की सेवा में शहीद हुए थे।




कश्मीर संभाग के आईजी विजय कुमार ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों और जवानों को बधाई दी, जिन्हें इस स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अब तक के सर्वोच्च 257 वीरता पदकों से अलंकृत किया गया है। बता दें कि पुलिस सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सभी पुलिस कर्मियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्मानित किया जायेगा।
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