J&K के पूर्व एमएलसी टीएस वजीर हत्या मामले में तीन राज्यों में पुलिस की छापेमारी, हत्यारों की तलाश जारी
नेशनल कान्फ्रेंस के जम्मू से सिख नेता और पूर्व एमएलसी त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या मामले में पुलिस को कई अहम सबूत मिले हैं। त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या में शामिल दो संदिग्धों हरप्रीत सिंह और हरमीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा टीम ने जम्मू और अमृतसर में शुक्रवार को छापे मारे हैं। जानकारी के मुताबिक आरोपियों को पकड़ने के लिए दो टीमें जम्मू और एक टीम अमृतसर में है। वहीं कुछ टीमें दिल्ली में भी जांच कर रही हैं। पुलिस ने अब तक की जांच में खुलासा करते हुए बताया है कि हरप्रीत ने अपने दोस्त हरमीत के साथ मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या की है। वहीं यह साजिश अगस्त के अंतिम सप्ताह में जम्मू कश्मीर में ही रची गई थी। तभी वारदात से पहले एक सितंबर को मुख्य संदिग्ध हरमीत सिंह जम्मू से दिल्ली आ गया था। पुलिस ने बताया कि दोनों संदिग्ध फरार हैं और आठ सितंबर से इनके फोन बंद हैं। हरप्रीत सिंह मूलरूप से लुधियाना पंजाब का रहने वाला है। जनवरी से वह बसईदारापुर में किराए पर घर लेकर रह रहा था। पुलिस का कहना हरप्रीत ने साड्डा हक नाम से अखबार का रकाबगंज के एक पते पर पंजीकरण करा रखा है। अखबार छपता है या नहीं इस बारे में पता लगाया जा रहा है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि उसने कई लोगों से लोन भी ले रखा है और कई तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त है। हरप्रीत सिंह की पत्नी और बच्चे दो साल से जम्मू में रहते हैं। पुलिस का कहना है कि त्रिलोचन सिंह वजीर से हरप्रीत की जान पहचान वैसे तो कई सालों से है, लेकिन पिछले दो सालों से इनके बीच नजदीकी बढ़ गई थी। नजदीकी के कारणों का भी फिलहाल पुलिस को पता लगाना है।बता दें कि हरमीत सिंह जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। वह एक सितंबर को जम्मू से दिल्ली हरप्रीत सिंह के घर आ गया था। त्रिलोचन सिंह जम्मू कश्मीर में पांच साल से अधिक समय तक सिख समुदाय की प्रमुख संवैधानिक इकाई जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान रहे हैं। जानकारी के मुताबिक त्रिलोचन सिंह के सिर पर पीछे की तरफ भारी वस्तु से वार कर उनकी हत्या की गई है। पोस्टमार्टम के लिए लेडी हार्डिग अस्पताल में तीन डाक्टरों के बोर्ड का गठन किया था। जिसके बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया है।जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसएसपी पद से रिटायर त्रिलोचन सिंह के भाई भूपेंदर सिंह ने बताया कि उनके भाई के बच्चे कनाडा में रहते हैं। उन्होंने कहा कि दो सितंबर को त्रिलोचन कनाडा जाने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। वे जम्मू के रहने वाले हरप्रीत के घर रुके थे। जिसके बाद 3 सितंबर को भूपेंदर ने कनाडा फोन किया तो उनकी भाभी ने बताया कि वे फ्लाइट में बैठे ही नहीं थे। जिसके बाद अगले दिन भतीजे करण ने बताया कि पिता कनाडा नहीं पहुंचे हैं। उसने बताया कि पिता के परिचित हरप्रीत से बात हुई है। हरप्रीत ने कहा कि वह त्रिलोचन सिंह को एयरपोर्ट छोड़कर आया है और उनका फोन दिल्ली में छूट गया है। उसने दावा किया कि त्रिलोचन को जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में चार दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया है। पुलिस इस मामले में अभी कई लोगों से पूछताछ कर रही है।