स्नो लेपर्ड होगा लद्दाख का राजकीय पशु और ब्लैक नेक्ड क्रेन राजकीय पक्षी
    03-सितंबर-2021
 
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जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के लगभग दो साल बाद लद्दाख प्रशासन ने हिम तेंदुए (स्नो लेपर्ड) को राज्य पशु और काली गर्दन वाली क्रेन को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाथ के लिए राज्य पक्षी घोषित किया है। इस संबंध में लद्दाख के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर को "हिम तेंदुआ" (पैंथर यूनिका) और "ब्लैक-नेकेड क्रेन" (ग्रस निक्रिकोलिस) को लद्दाख का राज्य पशु और राज्य पक्षी घोषित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने बताया कि लद्दाख प्रशासन ने स्नो लेपर्ड को राजकीय पशु और ब्लैक नेक्ड क्रेन को राजकीय पक्षी तय करने का ऐलान किया है।


बता दें कि काली गर्दन वाला सारस  जो कि तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर का राज्य पक्षी भी था, भारत में केवल लद्दाख में पाया जाता है। काली गर्दन वाली क्रेन "कमजोर" के रूप में वर्गीकृत एक लंबा पक्षी है। इसकी ऊंचाई लगभग 1.35 मीटर है, पंखों का फैलाव लगभग 2-2.5 मीटर है और इसका वजन लगभग 6-8 किलोग्राम है। इसके सिर पर एक चमकदार लाल मुकुट है। आमतौर पर जोड़ियों में देखा जाता है, उनके प्रेमालाप नृत्य ने लद्दाख के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक चार्ट्स को प्रेरित किया है।


वहीं पश्चिमी और पूर्वी हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र भारत में हिम तेंदुओं का निवास स्थान है। वे मुख्य रूप से लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाए जाते हैं। इससे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य के लिए हंगुल राजकीय पशु और क्रेन राजकीय पक्षी था। क्योंकि क्रेन लद्दाख के चांगथांग इलाके में ही पाया जाता है, इसलिए इसे लद्दाख में राजकीय पक्षी की पहचान मिल गई है। हालांकि अभी तक जम्मू-कश्मीर के लिए अब तक राजकीय पक्षी का चयन नहीं हो पाया है। संभवत हंगुल ही जम्मू-कश्मीर का राजकीय पशु रखा जाएगा। मुख्य वन्य जीव वार्डन सुरेश कुमार गुप्ता का कहना है कि जम्मू कश्मीर के राजकीय पक्षी के लिए सरकार को लिखा गया है, जिसके नाम के जल्द घोषित होने की उम्मीद है।