धर्म नगरी उज्जैन को मिलेगी नई पहचान ; PM मोदी आज ‘श्री महाकाल लोक कॉरिडोर' राष्ट्र को करेंगे समर्पित
    10-अक्तूबर-2022
 
Ujjain Mahakal Lok Corridor
 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में 'श्री महाकाल लोक’ कॉरिडोर' के पहले चरण का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। महाकाल लोक कॉरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद भगवान शिव का दूसरा सबसे बड़ा दर्शानिक स्थल है। महाकाल लोक कॉरिडोर की भव्यता और वास्तुकला में पूरी तरह से हाईटेक टेक्निक का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि उज्जैन में निर्मित महाकाल लोक कॉरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से करीब 4 गुना बड़ा होगा। महाकाल लोक के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। दूसरे चरण का काम 2023-24 तक पूरा कर लिया जाएगा।
 
 
धर्मनगरी उज्जैन को मिली नई पहचान
 
 
महाकाल कारिडोर के बनने से धर्मनगरी उज्जैन को एक नई पहचान मिली है। महाकाल कॉरिडोर के निर्माण के बाद भगवान शिव की जिन कथाओं का वर्णन महाभारत, वेदों और स्कंद पुराण के अवंतीखंड में मिलता है, वे कथाएं अब जीवंत हो उठेंगी। इन्हीं कथाओं को दर्शाती हुई अनेक प्रतिमाएं महाकाल लोक प्रांगण में स्थापित की गई हैं। उज्जैन के महाकाल लोक का पूरा दर्शन करने और भ्रमण करने में श्रद्धालुओं को कम से कम 8 घंटे का समय लगेगा। महाकाल कॉरिडोर में 2 भव्य प्रवेश द्वार होंगे। इसके अतिरिक्त यहां करीब 500 प्रतिमाएं और शिव पुराण की कहानियां लोगों को देखने और सुनने को मिलेंगी।
 
 
Ujjain Mahakal Lok Corridor Madhya Pradesh
 
 
प्राचीनता और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण हैं प्रतिमाएं
 
 
देश के शिल्पकार सदियों से ऐसी अद्भुत प्रतिमाएं बनाते आ रहे हैं, जिसे देखकर दुनिया आश्चर्यचकित रह जाती है। नवनिर्मित महाकाल प्रांगण में भी इसी तरह की श्रेष्ठता और गौरव को ध्यान में रखते हुए मूर्तियों को तैयार किया गया है। महाकाल लोक प्रांगण में छोटी-बड़ी करीब 200 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मूर्तियों को तैयार करने में मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों और शिल्पकारों ने कच्चे पत्थरों को तराशने और अलंकृत करने का काम किया है। ये प्रतिमाएं प्राचीनता और आधुनिकता दोनों का ही मिश्रण है।
 

Ujjain Mahakal Lok Corridor 1st Phase 
 
 
गलियारों में लगे हैं रुद्राक्ष, बकुल, कदम और बेलपत्र के वृक्ष
 
 
महाकाल लोक के गलियारों में रुद्राक्ष, बकुल, कदम और बेलपत्र के वृक्ष लगाए गए हैं। साथ ही मंदिर कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है। इसके अतिरिक्त महाकाल लोक में कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों को भी गलियारे में लगाया है। इसलिए धार्मिक महत्व वाली लगभग 40-45 ऐसी प्रजातियों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं।
 

Ujjain Mahakal Lok  
 
बीते 8 वर्षों में धार्मिक स्थलों का हुआ कायाकल्प
 
 
केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत को सांस्कृतिक दृष्टि से एक अलग पहचान मिली है। मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की समृद्ध विरासत, परंपरा और ऐतिहासिक स्थलों को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। चाहे काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर की बात हो, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के सौंदर्यीकरण की या फिर तमाम मुश्किलों का सामना करने के बावजूद चट्टान की तरह खड़े होने वाले सोमनाथ मंदिर की, बीते 8 वर्षों में सभी धार्मिक स्थलों का कायाकल्प किया गया है।
 
 
 
Ujjain Mahakal Lok Corridor MP