08-अक्तूबर-2022 |
अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासतों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला राजस्थान विश्व पटल पर एक बार फिर नया अध्याय लिखने जा रहा है। राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी की पावन धरा पर 369 फ़ीट यानि विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनकर तैयार हो चुकी है। "विश्वास स्वरूपम" शिव प्रतिमा का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। इस भव्य शिव प्रतिमा का अनावरण देश के प्रमुख रामकथा वाचक संत मोरारी बापू के हाथों होगा।
10 वर्ष पहले रखी गई थी नींव
संत मोरारी बापू ने ही आज से 10 वर्ष पहले इस भव्य शिव प्रतिमा की नींव रखी थी। श्री नाथ द्वारा की कुल 51 बीघा की पहाडी पर बनी इस भव्य प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजमान है। भगवान शिव की यह प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आती है। रात्रि के वक्त में भी भगवान शिव की यह प्रतिमा स्पष्ट रूप में नज़र आए इसके लिए कई तरह की लाइट्स की व्यवस्था की गई है। प्रतिमा की भव्यता और सौन्दर्यता का इस तरह से ख्याल रखा गया है कि भक्त खींचे चले आएंगे।
नेपाल में थी शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा
गौरतलब है कि नाथद्वारा की शिव प्रतिमा से पहले विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा नेपाल स्थित कैलाशनाथ मंदिर में हैं, जिसकी ऊंचाई 143 फीट है। इसके अलावा कर्नाटक के मरूदेश्वर मंदिर में 123 फीट की शिव प्रतिमा, तमिलनाडु स्थिल आदियोग मंदिर में 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा और मॉरीशस में मंगल महादेव की 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा भी विश्व की ऊंची शिव प्रतिमाओं में शामिल हैं। इस शिव प्रतिमा की निर्माणकर्ता कंपनी के अनुसार इस भव्य शिव प्रतिमा का वजन 3 हजार टन है। इसके निर्माण में 2600 टन स्टील और लोहा उपयोग में लिया गया। इस प्रतिमा पर किसी तरह के मौसम और भूकंप का असर नहीं पड़ेगा इस बात का खास ख्याल रखा गया है। प्रतिमा का निर्माण इतनी बारीकी से किया गया है कि अगले 2500 वर्षों तक इस प्रतिमा का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा।