J&K में आतंकवाद का हो रहा खात्मा ; कश्मीर संभाग के 3 जिले हुए पूरी तरह आतंक मुक्त
   28-नवंबर-2022

3 District Of Kashmir Divission Terror Free ADGP Vijay Kumar
 
 

जम्मू कश्मीर में इन दिनों आतंकवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन आल आउट के चलते घाटी में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद अपने अंत की ओर हैं। फ़िलहाल कश्मीर संभाग के 3 जिले अब पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त हो गए हैं। इन जिलों में अब मौजूदा समय में एक भी आतंकी सक्रिय नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की कश्मीर में कमान संभालने वाला कोई कमांडर भी नहीं बचा है।

 
घाटी में अब महज 81 आतंकी सक्रिय
 
 
दोनों ही आतंकी संगठन इस समय घाटी में नेतृत्वहीन हैं। घाटी में अब महज 81 आतंकी सक्रिय रह गए हैं। यह दावा शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान ADGP कश्मीर रेंज विजय कुमार ने किया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान ADGP विजय कुमार ने कहा कि कश्मीर संभाग में मौजूदा समय में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 81 है। इन आतंकियों में 52 विदेशी और 29 स्थानीय आतंकी हैं। सभी विदेशी आतंकी पाकिस्तान या फिर पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं। हमारा अगला लक्ष्य आतंकियों की संख्या 50 से भी नीचे लाना है।


अगले 2 वर्ष में सभी आतंकियों का होगा सफाया -ADGP

  

ADGP विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक नल्ली ही सबसे पुराना आतंकी बचा है। जोकि वर्ष 2015 से घाटी में सक्रिय है। फ़िलहाल आतंकी फारूक नल्ली सुरक्षाबलों के रडार पर है और जल्द ही सुरक्षाबलों के हाथों वह भी मारा जाएगा या फिर पकड़ा जाएगा। 2 वर्ष पहले तक कश्मीर संभाग में विभिन्न आतंकी संगठनों के 80 नामी कमांडर थे, लेकिन आज उनकी संख्या 2 से 3 पहुँच गई है। उन्होंने कहा कि नल्ली के अलावा बचे अन्य 2 सक्रिय आतंकी नजर नहीं आते। ADGP ने कहा कि 15-18 नए आतंकी जिन्हें हम हाइब्रिड कहते हैं वो सक्रिय हैं। दक्षिण कश्मीर संभाग में इस तरह के आतंकी ज्यादा है। 

 
ADGP ने हाइब्रिड आतंकियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, यह वे आतंकी हैं जो इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय जिहादी तत्वों के संपक्र में आकर आतंकी बने हैं। अक्सर आतंकी संगठन इनका इस्तेमाल मुख्यत: लक्षित हत्याओं के लिए करते हैं। आंकड़ों पर जोर देते हए उन्होंने कहा, इस वर्ष पुलिस ने कश्मीर घाटी में 119 आतंकी माड्यूल का पर्दाफाश किया है। हमारे लिए सबसे चिंता और चुनौती अन्य राज्यों से कश्मीर में रोजी रोटी कमाने आए श्रमिकों और कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा है। हाल ही में हुई कुछ आतंकी गतिविधियों में महिला ओवरग्राउंड वर्करों की संलिप्तता का भी पता लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले 2 वर्ष में कश्मीर संभाग से सभी आतंकियों का सफाया हो जाएगा।


 

अब नहीं होती पत्थरबाजी की घटनाएं

 

ADGP विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस वर्ष अब तक सिर्फ 99 लड़के आतंकी बने हैं जो बीते 6 वर्ष में सबसे कम है। इनमें भी 64 मारे गए हैं और 17 को गिरफ्तार किया है। मौजूदा वर्ष में आतंकियों ने 29 नागरिकों की हत्या की है। इनमें अन्य राज्यों के 6 हिंदू और 3 मुस्लिम, 3 कश्मीरी हिंदू और 3 जम्मू संभाग के हिंदू और 15 कश्मीरी मुस्लिम हैं। वर्ष 2019 के बाद से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में "काफी हद तक" सुधार हुआ है क्योंकि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा बलों के अभियानों के दौरान "कोई बंद नहीं हुआ, कोई बड़ा इंटरनेट शटडाउन नहीं हुआ, कोई पत्थरबाजी की घटना नहीं हुई है।