28-नवंबर-2022 |
जम्मू कश्मीर में इन दिनों आतंकवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन आल आउट के चलते घाटी में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद अपने अंत की ओर हैं। फ़िलहाल कश्मीर संभाग के 3 जिले अब पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त हो गए हैं। इन जिलों में अब मौजूदा समय में एक भी आतंकी सक्रिय नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की कश्मीर में कमान संभालने वाला कोई कमांडर भी नहीं बचा है।
अगले 2 वर्ष में सभी आतंकियों का होगा सफाया -ADGP
ADGP विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक नल्ली ही सबसे पुराना आतंकी बचा है। जोकि वर्ष 2015 से घाटी में सक्रिय है। फ़िलहाल आतंकी फारूक नल्ली सुरक्षाबलों के रडार पर है और जल्द ही सुरक्षाबलों के हाथों वह भी मारा जाएगा या फिर पकड़ा जाएगा। 2 वर्ष पहले तक कश्मीर संभाग में विभिन्न आतंकी संगठनों के 80 नामी कमांडर थे, लेकिन आज उनकी संख्या 2 से 3 पहुँच गई है। उन्होंने कहा कि नल्ली के अलावा बचे अन्य 2 सक्रिय आतंकी नजर नहीं आते। ADGP ने कहा कि 15-18 नए आतंकी जिन्हें हम हाइब्रिड कहते हैं वो सक्रिय हैं। दक्षिण कश्मीर संभाग में इस तरह के आतंकी ज्यादा है।
अब नहीं होती पत्थरबाजी की घटनाएं
ADGP विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस वर्ष अब तक सिर्फ 99 लड़के आतंकी बने हैं जो बीते 6 वर्ष में सबसे कम है। इनमें भी 64 मारे गए हैं और 17 को गिरफ्तार किया है। मौजूदा वर्ष में आतंकियों ने 29 नागरिकों की हत्या की है। इनमें अन्य राज्यों के 6 हिंदू और 3 मुस्लिम, 3 कश्मीरी हिंदू और 3 जम्मू संभाग के हिंदू और 15 कश्मीरी मुस्लिम हैं। वर्ष 2019 के बाद से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में "काफी हद तक" सुधार हुआ है क्योंकि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा बलों के अभियानों के दौरान "कोई बंद नहीं हुआ, कोई बड़ा इंटरनेट शटडाउन नहीं हुआ, कोई पत्थरबाजी की घटना नहीं हुई है।