कंगाली की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान ; अमेरिका में दूतावास की बिल्डिंग बेचने को हुआ मजबूर
16-दिसंबर-2022
आतंक का सिरमौर कहे जाने वाला पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी के कारण भिखमंगी की कगार पर है। कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान की हालत इन दिनों इतनी ज्यादा बदहाल हो चुकी है कि उसे अमेरिका में स्थित अपने राजनयिक इमारतों को बेचना पड़ रहा है। जी हाँ आपने सही पढ़ा दरअसल गरीबी की मार झेल रहा पाकिस्तान अपनी आर्थिक हालात सही नहीं होने के कारण अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में स्थित अपने दूतावास को बेचने जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तान की सरकार ने अखबारों में विज्ञापन भी दिया है।
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में स्थित पाकिस्तानी दूतावास को बेचे जाने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा बाकायदा समाचार पत्रों में विज्ञापन भी छपवाया जा रहा है। बता दें कि इस इमारत की कीमत तक़रीबन 5 से 6 मिलियन डॉलर बताई जा रही है। पाकिस्तानी न्यूज़ ARY के मुताबिक वॉशिंगटन में पिछले 15 साल से खाली पड़े पाकिस्तानी दूतावास को बेचने के लिए विदेश कार्यालय से मंजूरी भी मिल गई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान पर इन दिनों चौतरफा मार पड़ी है। एक तरफ आर्थिक रूप से कंगाल पड़ा है, तो वहीं दूसरी तरफ अंदरूनी कलह से भी जूझ रहा है। पाकिस्तान अमेरिका स्थित जिस दूतावास को बेचने जा रहा है वह इमारत वॉशिंगटन के प्रतिष्ठित आर. स्ट्रीट पर मौजूद है। 1950 के दशक से 2000 के दशक तक यह दूतावास का रक्षाखंड रहा है।
पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की मुद्रा का इन दिनों लगातार डिवैल्यूवेशन होता जा रहा है। लिहाजा यही कारण है कि पाकिस्तान 1 डॉलर 224.63 पाकिस्तानी रुपये में खरीद रहा है। इसके आलावा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी 6.7 अरब डॉलर तक नीचे लुढ़क गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को इससे पहले भी बड़ी संख्या में कर्ज दे चुका है। 2019 में पाकिस्तान ने IMF से 6 अरब डॉलर का कर्ज लेने का समझौता किया था। यह राशि पाकिस्तान को 3 सालों में किश्तों में दी जानी थी। पाकिस्तान पर 130 बिलियन $ का विदेशी कर्ज है जिसमें 73 बिलियन $ अगले 3 साल में चुकाना है।
पाकिस्तान की सत्ता में काबिज लोगों के ऐशों आराम में भले ही कोई कमी नजर ना आ रही हो पर सच्चाई ये है कि पाकिस्तान की जनता इन दिनों महंगाई से पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान का कर्ज तले डूबना भी है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समय पाकिस्तान का कर्ज 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है पाकिस्तान की हालत अब ऐसी हो चुकी है कि कोई भी देश उसे कर्ज देना नहीं चाहता। लिहाजा कर्ज से थोड़ा बहुत उबरने के लिए पाकिस्तान अब अपनी राजनयिक संपत्तियों को बेचने निकल पड़ा है।