पाकिस्तान में एक बार फिर धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर खास जिले में एक नाबालिग लड़की बिंदिया मेघवार (Bindiya Meghwar) का अपहरण कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार पहले बिंदिया को जबरन अगवा किया गया, उसके बाद उसे इस्लाम धर्म में जबरन परिवर्तित कर दिया गया और फिर उसकी उम्र से दोगुने से भी अधिक व्यक्ति के साथ उसकी शादी करा दी गई। पीड़िता की उम्र महज 15 वर्ष है। दिया मेघवार सिंध प्रांत के मीरपुर खास की रहने वाली है। दिया मेघवार को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर उसका नाम दिया मेघवार से बदल कर आयशा कर दिया गया है।
अमेरिका में स्थित 'सिंधी फाउंडेशन' के मुताबिक सिंध प्रांत में हर साल करीब 1 हजार हिंदू लड़कियों को अगवा किया जाता है। अपहरण के बाद नाबालिग लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल कराया जाता है। इन लड़कियों की उम्र 12 से 25 साल के बीच होती है। धर्म परिवर्तन कराने के बाद मौलवी इनकी शादी मुस्लिम युवकों से करा देते हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमेशा दावा करते है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित है। लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव ,हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
धर्मांतरण का विरोध करने पर हिंदू लड़की की हत्या
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनसे जबरन निकाह करना तथा उनका धर्म परिवर्तन करवाना आम बात है। बीते सोमवार को भी एक 18 वर्षीय हिंदू लड़की पूजा कुमारी ओड की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पूजा की गलती मात्र इतनी थी कि उसने धर्म परिवर्तन करने से इंकार कर दिया जिसके चलते एक मनचले ने पूजा को बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी। पूजा को जिस मनचले ने गोली मारी थी उसका नाम वाहिद बख्श लशारी बताया जा रहा है।
इमरान खान के नए पाकिस्तान में एक के बाद एक मामले आ रहे हैं सामने
इस तरह एक बार फिर इमरान खान (Imran Khan) के ‘नए पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों के ऊपर ढाए जाने वाले जुल्मों की पोल खुल गई है। नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। वाहिद पूजा का अपरहण कर उसका धर्म परिवर्तन करा के उसके साथ निकाह करना चाहता था। जब पूजा ने इसका विरोध किया तो वाहिद ने बीच सड़क पर पूजा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में पूजा की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार पूजा अपने घर पर अकेली थी। इसी मौके का फायदा उठा कर लशारी समुदाय के 5 लड़कों ने पूजा को जबरन अगवा करने की कोशिश की थी।
सिंध में हिंदुओं के साथ होता रहा है अत्याचार
दरअसल पाकिस्तान में हर साल अल्पसंख्यक महिलाओं खासकर सिंध में हिंदुओं का अपहरण किया जाता है। मजहबी कट्टरपंथियों द्वारा उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। विरोध करने पर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। खास बात तो यह है कि स्थानीय प्रशासन भी इस मामले में कोई एक्शन नहीं लेती। कई मीडिया रिपोर्ट में भी इस बार की पुष्टि की गई है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक (हिंदू महिलाएं) लंबे समय से जबरन निकाह और धर्मांतरण से पीड़ित हैं।
नाबालिग लड़कियों को बनाते हैं अपना शिकार
गौरतलब है कि हाल ही में सिंध से ही जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दो नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण का मामला सामने आया था। सिंध के खैरपुर से आरती मेघवार (14वर्ष ) और घोटकी से राबिया भील (13) का अपहरण कर लिया गया था। उससे पहले बिंदिया नाम की एक लड़की का भी अपहरण कर लिया गया था। इसी तरह 15 साल की हिंदू लड़की पायल कुमारी का भी सिंध के गोथ वाली मुहम्मद पटाफी से अपहरण किया गया था। फिर जबरन धर्मांतरण के बाद उसका निकाह करवा दिया गया। नजमा कोहली का अपहरण कर उससे भी इस्लाम कबूल करवाया गया था। फिर फातिमा नाम देकर 35 वर्षीय अमानुल्लाह से उसका निकाह करावाया गया था।
2013 और 2019 के बीच जबरन धर्मांतरण की 156 घटनाएँ
पीपुल्स कमिशन फॉर माइनॉरिटीज राइट्स और सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के अनुसार 2013 और 2019 के बीच जबरन धर्मांतरण की 156 घटनाएँ सामने आईं। 2019 में सिंध सरकार ने दूसरी बार जबरन धर्मांतरण और निकाह को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया, लेकिन मजहबी कट्टरपंथियों ने इसका विरोध किया। ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी कुल आबादी की 1.60% है। जबकि अकेले सिंध में 6.51% हिंदू रहते है। पाकिस्तान में हिंदू बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यहां 75 लाख हिंदू रहते हैं।