भारत दौरे पर पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) ने आज विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है। विदेश मंत्री के साथ मुलाकात से पहले उन्होंने आज सुबह देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री और एस जयशंकर के बीच हुई मुलाकात करीब तीन घंटो तक चली।
द्विपक्षीय मुद्दों समेत कई पहलुओं पर हुई चर्चा
मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Dr S Jaishankar) ने बयान जारी करते हुए कहा कि चीन के विदेश मंत्री के साथ हमारी तीन घंटे तक बातचीत चली। इसमें हमने द्विपक्षीय मुद्दों समेत कई पहलुओं पर चर्चा किया। साथ ही LAC मामले को लेकर भी हमारी बीच बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि हमने खुले और स्पष्ट तरीके से एक व्यापक मूल एजेंडे को संबोधित किया। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के कारण बाधित हुई है।
सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए तेज गति से करना होगा काम
सीमा पर शांति बनाए रखने के मुद्दे को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वर्तमान स्थिति को मैं एक ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ कहूंगा। हालांकि यह काम बेहद ही धीमी गति से हो रहा है। इसे तेजी से आगे ले जाने की आवश्यकता है क्योंकि डिसइंगेजमेंट के लिए (LAC पर) आवश्यक है।
फिलहाल सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच इसे थोड़ा तेज गति से आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ़ शब्दों में कहा कि सीमा पर शांति से कुछ कम मंजूर नहीं होगा। विदेश मंत्री जयशंकर से QUAD को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे बीच QUAD को लेकर किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई।
OIC में वांग यी द्वारा दिए गए बयानों पर भी हुई चर्चा
पाकिस्तान में हुए OIC सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, हां यह सवाल आया था। मैंने इसका जिक्र किया। मैंने उन्हें समझाया कि हमें वह बयान आपत्तिजनक क्यों लगा। यह एक ऐसा विषय था जिस पर कुछ देर तक चर्चा हुई। उन्होंने कहा, मैंने बताया कि हम आशा करते हैं कि चीन भारत के संबंध में एक स्वतंत्र नीति का पालन करेगा और अपनी नीतियों को अन्य देशों और अन्य संबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा।
चीनी विदेश मंत्री को भारत ने दिया था कड़ा संदेश
गौरतलब है कि भारत दौरे से पहले वांग यी ने पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) की बैठक में हिस्सा लिया था। इस बैठक में वांग यी ने कश्मीर पर टिप्पणी भी की थी, जिसको लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कि थी। वांग यी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर हमने एक बार फिर कई इस्लामी देशों की बात सुनी। इसको लेकर चीन की भी ये इच्छा है। जवाब में भारत ने चीन को नसीहत देते हुए कहा था कि चीन या किसी अन्य देश को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई हक नहीं है।
विदेश मंत्री ने चीन में हुए भारतीय छात्रों की दुर्दशा का किया जिक्र
चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की स्थिति के बारे में जयशंकर ने कहा कि मैंने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की दुर्दशा को भी दृढ़ता से रखा, जिन्हें COVID प्रतिबंधों का हवाला देते हुए वापस जाने की अनुमति नहीं है। हमें उम्मीद है कि चीन भेदभाव रहित रुख अपनाएगा क्योंकि यह मामला कई युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस विषय पर मुझे आश्वासन दिया है कि वह वापस जाने के बाद इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मेडिकल छात्रों की विशेष चिंताओं को भी समझा।