राहुल भट्ट की हत्या के बाद एक्शन मोड में जम्मू कश्मीर सरकार, कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर उठाया बड़ा कदम

जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले चाडूरा तहसील में आतंकियों द्वारा की गई कश्मीरी हिन्दू राहुल भट्ट की हत्या के बाद जम्मू कश्मीर सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। वहीं जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की टारगेट किलिंग की साजिश को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने अब कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अहम कदम उठाया है।
सुरक्षित जिलों में होगी कश्मीरी हिन्दू कर्मचारियों की तैनाती
कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर में तैनात हिंदू कर्मचारियों की तैनाती सुरक्षित जिलों और तहसील मुख्यालयो में की जाएगी। इसके साथ ही गवर्नर ने ये भी कहा कि जम्मू-कशमीर पुलिस कश्मीरी हिंदू कर्मचारी व उनके परिवार को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राहत पैकेज के तहत नियुक्त कर्मियों के कल्याण व सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों का भी चरणबद्ध तरीके से समाधान किया जाएगा।
8 से 10 दिन के भीतर सुरक्षित जिलों में होगी तैनाती
जम्मू कश्मीर सरकार की नई रणनीति के तहत पहले चरण में कुल 859 कर्मचारियों की सूची प्रशासन द्वारा तैयारी की गई है। इन कर्मचारियों को सुरक्षित जिलो या तहसीलों में 8 से 10 दिन के भीतर तैनाती दे दी जाएगी। इतना ही नहीं इन कर्मियों को कार्यस्थलों के साथ ही कैंपों और किराये पर रह रहे स्थानों पर भी सुरक्षा के सभी पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे।
पदोन्नति के मामले में प्रशासनिक सचिवों को दिए गए निर्देश
वहीं उपराज्यपाल ने ये भी कहा कि कर्मियों की पदोन्नति के मामले में प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए जा चुके हैं। वे जल्द इन मामलों पर गौर कर उचित कदम उठाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि कर्मचारियो क लिए उप-राज्यपाल सचिवालय में विशेष प्रकोष्ठ भी बनाया गया है। इस बीच भाजपा का प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिला।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने आतंकियों द्वारा कश्मीरी हिंदुओं को टारगेट बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर में नौकरी करने वाले अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थानो पर ठहराया जाए ताकि आतंकी अपने नापाक मंसूबों में कामयाब न होने पाएं।
आंसू गैस छोड़ने की घटना के जांच का आदेश
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने कश्मीरी हिंदुओं पर आंसू गैस छोड़ने की घटना के जांच का आदेश भी दिया है। मनोज सिन्हा ने कहा, “एसआईटी घटना के बाद कश्मीरी प्रवासी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग की भी जांच करेगी। प्रशासन को कहीं भी बल प्रयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। कश्मीरी हिंदुओं ने 13 मई को विरोध प्रदर्शन किया था। अगर जांच में किसी भी अधिकारी को दोषी पाया जाता है तो इसमे शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।