पाकिस्तान : सिख व्यापरियों की हत्या पर भारत ने अपनाया कड़ा रुख, पाकिस्तानी हुक्म्मरानों को दी खास नसीहत
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पाकिस्तान में अल्पसंखयक समुदाय के लोगों की असुरक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में पाकिस्तान के पेशावर के बाड़ा इलाक़े में 2 सिख भाइयों को बेरहमी से हत्या कर दी गई है। यह घटना उस वक्त हुई जब दोनों भाई पेशावर में अपनी मसालों की दुकान पर बैठे थे। तभी कुछ अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिल से आए और उन्हें गोली मार कर भाग गए।
मृतकों की पहचान सुलजीत सिंह और रंजीत सिंह के रूप में हुई
इस हमले में मारे गए सिंख सुमदाय के दोनों भाईयों की पहचान सुलजीत सिंह (42) और रंजीत सिंह (38) के रूप में हुई है। दोनों ही भाई यहां मसाले का कारोबार करते थे। पेशावर में पिछले 8 महीने के भीतर सिख समुदाय पर इस तरह का यह दूसरा हमला है। सितंबर 2021 में एक सिख हकीम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS की एक शाखा ISKP ने ली थी।
अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए हमले पर भारत सरकार ने जताया कड़ा ऐतराज
वहीं इस हमले के बाद से भारत सरकार ने भी कड़ा ऐतराज जताते हुए पाकिस्तान को चेताया है। पाकिस्तान के पेशावर में 2 सिखों की हत्या के मामले में भारत की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है इस संबंध में मीडिया के सवालों पर भारत सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हमने पेशावर में अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा 2 सिख व्यापारियों की नृशंस हत्या की रिपोर्ट देखी है। दुख की बात है कि यह पहली घटना नहीं है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
इससे पहले भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय सिखों पर हमले होते रहे हैं। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस चौंकाने वाली घटना पर भारतीय समाज और सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। हमने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
हम संबंधित अधिकारियों से मामले की ईमानदारी से जांच करने और इस निंदनीय घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सरकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुरक्षा और भलाई का ख्याल रखेगी।
अल्पसंख्यक समुदाय ने ग्रैंड ट्रंक रोड को किया बाधित सुरक्षा की उठाई मांग
पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं। इनमें से ज्यादातर प्रांतीय राजधानी के पड़ोस जोगन शाह में हैं। पेशावर में सिख समुदाय के अधिकतर सदस्य व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि कुछ फार्मेसी भी चलाते हैं। वहीं सीख भाईयों की हत्या के बाद से अब पेशावर के सिखों ने शहर के अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के निवासियों के साथ मिलकर बालाहिसर किले के पास ग्रैंड ट्रंक रोड को बंद कर दिया है। साथ ही पेशावर में हुई इस हत्या को लेकर सरकार से मुआवजे और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा की मांग की है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय को बनाया जाता रहा है निशाना
पाकिस्तान में सिखों-हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमले की खबरें लगातार आती रही हैं। पर बावजूद इसके पाकिस्तान की सरकार इन घटनाओं पर कोई संज्ञान नहीं लेती। इससे पहले 2020 में भी पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने सिख समुदाय के एक 25 वर्षीय व्यक्ति रविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लाहौर में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद रविंदर सिंह की मौत हो गई, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। 2018 में पेशावर में सिख समुदाय के जाने माने सदस्य चरणजीत सिंह की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। इसी तरह, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की 2016 में पेशावर में हत्या कर दी गई थी।