परिसीमन को लेकर OIC के बयान पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, OIC संगठन देशों को दी ये खास नसीहत
   17-मई-2022
 
MINISTRY OF EXTERNAL AFFAIRS
 
 
भारत ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर 'इस्लामिक सहयोग संगठन' (OIC) के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि OIC को एक देश की शह पर भारत को लेकर अपना ‘साम्प्रदायिक एजेंडा’ चलाने से बचना चाहिए।
 
OIC संगठन देशों को लगाई लताड़ 
 
उन्होंने कहा कि अतीत में भी भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर ओआईसी के बयानों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है। बागची ने कहा, ‘‘ हमें आश्चर्य है कि ओआईसी (OIC) ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों के लेकर अवांछित टिप्पणियां की हैं।'’
 
 
 
मार्च 2020 में आयोग का हुआ था गठन
 
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए मार्च 2020 में आयोग का गठन किया गया था जिसने पिछले दिनों अपनी अंतिम रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह और कश्मीर संभाग में एक विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव है। वहीं, राजौरी और पुंछ इलाकों को कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट के तहत लाने का प्रस्ताव हैं। रिपोर्ट के अमल में आने पर 90 सदस्यीय विधानसभा में जम्मू संभाग की 43 और कश्मीर की 47 सीटें होंगी।
 
 
OIC संगठन ने  परिसीमन को बताया था अधिकारों का उल्लंघन
 
भारत की यह सख्त प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब ओआईसी ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर नई दिल्ली की आलोचना की है। परिसीमन (Delimitation) आयोग पर ओआईसी के महासचिव ने बयान में आरोप लगाया कि यह कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। आईओसी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफी) ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। आईओसी ने कहा, परिसीमन की यह प्रक्रिया चौथे जिनेवा कन्वेंशन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है।