जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रतीक के साथ वीरता और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से ‘शेर-ए-कश्मीर‘ शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर हटाने का आदेश जारी किया है। दरअसल जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक रहे स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का नाम जम्मू कश्मीर पुलिस पदक से हटाए जाने के लगभग 2 वर्षों बाद सोमवार को प्रदेश प्रशासन ने पदक से राज्य के प्रतीक चिह्न और शेख अब्दुल्ला की तस्वीर को भी हटा दिया है। पदक पर शेख अब्दुला की जगह उसके स्थान पर अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न रहेगा। आपको बता दें कि इससे पहले प्रदेश सरकार ने जनवरी 2020 में पुलिस पदक से शेरे कश्मीर का नाम हटाया था।
गृह विभाग ने जारी किया आदेश
जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा प्रदान किए जाने वाले वीरता और उत्कृष्ट सेवा पदक का नाम शेरे कश्मीर वीरता पदक और शेरे कश्मीरी पुलिस सराहनीय सेवा पदक था। लिहाजा जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने आज एक आदेश जारी किया। गृह सचिव राज कुमार गोयल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, जम्मू व कश्मीर पुलिस पदक योजना के पैरा चार में संशोधन करते हुए पदक के एक तरफ उकेरी गई शेरे कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर के स्थान पर अब भारत सरकार का प्रतीक चिह्न होगा और पदक के दूसरी तरफ जहां राज्य का प्रतीक चिह्न है, वहां अब जम्मू व कश्मीर पुलिस वीरता पदक और जम्मू कश्मीर उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक होगा।
विभिन्न सरकारी योजनाओं पर शेख अब्दुल्ला का नाम
जम्मू कश्मीर में कई सड़कों-पुलों का नामकरण शेख अब्दुल्ला के नाम पर ही हुआ है शेख मोहम्मद अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के भारत में अधिमिलन के बाद वर्ष 1948 से 1953 तक जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री भी रहे हैं। इसके आलावा वर्ष 1975 से 1982 तक शेख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे। जम्मूू कश्मीर में विभिन्न सरकारी योजनाओं, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, सड़क व पुलों का नामकरण शेख अब्दुल्ला के नाम पर ही हुआ है।