कारगिल युद्ध में मां भारती के सपूत ; महावीर चक्र विजेता मेजर राजेश सिंह अधिकारी की वीरगाथा
   30-मई-2022

Kargil Hero
 
मेजर राजेश सिंह अधिकारी
जन्म: 25 दिसंबर, 1970 नैनीताल, उत्तराखंड
बलिदान : 30 मई, 1999 (उम्र 28 वर्ष)
यूनिट : 18 ग्रेनेडियर्स
मरणोपरांत वीर चक्र
 
शौर्य गाथा - मेजर राजेश सिंह अधिकारी इंडियन मिलिट्री एकेडमी से 11 दिसंबर, 1993 को सेना में भर्ती हुए। कारगिल युद्ध के दौरान 30 मई को उनकी यूनिट को 16,000 फीट की ऊंचाई पर तोलोलिंग चोटी पर कब्जा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह पोजीशन भारतीय सेना के लिए बेहद अहम थी क्योंकि यहीं पर भारतीय सेना बंकर बनाकर टाइगर हिल पर बैठे दुश्मनों पर निशाना साध सकती थी।
 
मेजर अधिकारी अपनी कंपनी की अगुआई कर रहे थे, तभी दुश्मन सेना ने उन पर दोनों तरफ से मशीनगनों से हमला शुरू कर दिया। मेजर अधिकारी ने तुरंत अपनी रॉकेट लांचर टुकड़ी को दुश्मन को उलझाए रखने का निर्देश दिया और दुश्मन के 2 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद मेजर अधिकारी ने धीरज से काम लेते हुए अपनी मीडियम मशीनगन टुकड़ी को एक चट्टान के पीछे मोर्चा लेने और दुश्मन को उलझाए रखने को कहा, और अपनी हमलावर टीम के साथ एक-एक इंच आगे बढ़ते रहे।
 
दुश्मन की उपस्थिति में असाधारण वीरता व उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रदर्शन मोर्चा लेने के दौरान ही मेजर अधिकारी दुश्मन की गोलियों से गंभीर रूप से घायल हुए, फिर भी वह अपने सैनिकों को निर्देशित करते रहे और वहां से हटने से मना कर दिया। उन्होने दुश्मन के दूसरे बंकर पर हमला किया और वहाँ काबिज सैनिक को मार गिराया। जिसके बाद मेजर अधिकारी ने तोलोलिंग ऑपरेशन में 2 बंकरों पर कब्जा किया जो अंत में प्वाइंट 4590 को जीतने में मददगार साबित हुए। इस बीच दुश्मन सेना की गोलियों से घायल हुए मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने वीरता और अदम्य साहस का परिचय देते हुए अंत में वीरगति को प्राप्त हुए। भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को कायम रखते हुए दुश्मन की उपस्थिति में असाधारण वीरता व उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रदर्शन करने के लिए उन्हे मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
 
राजेश सिंह अधिकारी का जन्म 25 दिसंबर 1970 को नैनीताल में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सेंट जोसेफ़स कॉलेज से 1987 में हुई और माध्यमिक शिक्षा गवर्मेंट इंटर कॉलेज नैनीताल से। उन्होंने बीएससी कुमाऊँ यूनिवर्सिटी, नैनीताल से किया। शुरुआत से ही सेना के प्रति राजेश का जो जब्जा था वो उन्हें प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी में ले आया और 11 दिसंबर 1993 को मेजर राजेश सिंह अधिकारी भारतीय सैन्य अकादमी से ग्रेनेडियर में कमिशन हुए।
मां भारती के इस वीर सपूत को हमारा नमन।