भद्रवाह में असामाजिक तत्वों ने वासुकी नाग मंदिर में की तोड़फोड़, घटना के बाद हिन्दू संगठनों में रोष

जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में स्थित वासुकी नाग मंदिर में रविवार सुबह कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की है। जम्मू संभाग में हुई इस घटना के बाद से स्थानीय हिन्दुओं में जबरदस्त नाराजगी है। सड़क पर उतरे हिंदुओं धर्म के लोगों ने प्रशासन से दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की माँग की है। बताया जा रहा है कि ये घटना रविवार (5 मई, 2022) देर रात या फिर सोमवार को तड़के हुई। मंदिर में अंदर से लेकर बाहर तक तोड़फोड़ मचाई गई है।
मंदिर के पुजारी ने घटना की दी जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह जब मंदिर के पुजारी मंदिर प्रांगन में पहुँचे तो उन्होंने देखा कि मंदिर में मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई है. जिसके तुरंत बाद पुजारी ने इस स्थिति की जानकारी बाक़ी लोगों को दी। लोगों का कहना है कि ऐसी हरकतों के जरिए सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उठी मांग
उन्होंने दोबारा ऐसी हरकतें रोकने के लिए दोषियों को ढूँढ कर कड़ी कार्रवाई की माँग की। इसके आलावा गुस्साए भीड़ ने सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार और प्रशासन इस मामले में संलिप्त दोषियों को ढूंढ कर सख्त कार्रवाई नहीं करती तो सरकार द्वारा एक्शन न लेने की सूरत में प्रदेश भर में सड़क पर उतर कर चक्का जाम करेंगे।
जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन
भद्रवाह शहर में वाहनों की आवाजाही बंद कर, सड़कों पर टायर आदि जलाकर स्थानीय नागरिकों के साथ धार्मिक व सामाजिक संगठनों के लोगों ने धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू कर दिया। भद्रवाह मुख्य बाजार बंद कर दिया गया है जबकि वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से रोक दी गई है। इलाके में तनाव को देखते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती जगह-जगह कर दी गई है। धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला केवल भद्रवाह तक ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी शुरू हो गया है।
मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
भद्रवाह के इस मंदिर को भद्रकाशी के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि भद्रवाह के सौंदर्य और आध्यात्मिक विरासत के कारण इसे ‘मिनी कश्मीर’ भी कहते हैं। भद्रवाह में कई प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थल हैं। इन्हीं धार्मिक स्थलों में नागों के राजा माने जाने वाले वासुकी का मंदिर भी है। भगवान शिव के गले में वासुकी नाग ही दिखाई देते हैं। वसुकी के पिता ऋषि कश्यप थे और उनकी माँ कद्रू थीं। उनके सिर पर नागमणि भी होती है। उनका ये मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला का एक अद्भुत नमूना है, जहाँ एक पत्थर पर दो प्रतिमाएँ (वासुकी और राजा जामुन वाहन) तराशी हुई हैं। इससे थोड़ी ही दूर पर कैलाश कुंड स्थित है, जिसे वासुकी कुंड के नाम से भी जानते हैं।
महाराजा हरि सिंह के वंशज विक्रमादित्य सिंह ने उठाई जांच की मांग
जम्मू कश्मीर के पूर्व विधान पार्षद और महाराजा हरि सिंह के वंशज विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “भद्रवाह के कैलाश कुंड स्थित श्री वासुकी नाग मंदिर में स्थानीय बदमाशों द्वारा तोड़फोड़ मचाए जाने की घटना सामने आई है। मैंने व्यक्तिगत रूप से डोडा के DC और SSP से बात कर के जल्द से जल्द मामले की जाँच करने और दोषियों पर कार्रवाई के लिए कहा है। ये मंदिर 13,500 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। ‘J&K धर्मनाथ ट्रस्ट’ और स्थानीय हिन्दू समितियाँ वार्षिक कैलाश यात्रा में मदद करते हैं। मैं लोगों से शांति और सांप्रदयिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूँ।”
पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप ने घटनास्थल का लिया जायजा
डोडा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप ने घटनास्थल का जायजा भी लिया है। इस क्षेत्र में कोई आबादी नहीं रहती है और ठंड के मौसम में कोई कनेक्टिविटी भी नहीं रहती है, क्योंकि ये इलाका पहाड़ियों की चोटी पर है। अब भी ये भारी बर्फ़बारी के कारण बंद है। पुलिस ने इसे दानपेटी को लूटने का प्रयास बताया है, लेकिन ये पहले से ही खाली था। ये मंदिर 11वीं शताब्दी में बना था और प्रतिमाएँ 87 डिग्री के झुकाव पर निर्मित की गई थीं।
87 डिग्री पर झुकी हुई हैं प्रतिमाएं
वासुकी नाग मंदिर की बहुत मान्यता है। कैलाश मान सरोवर यात्रा में जाने से पहले यहां विशेष पूजा होती है। कहते हैं कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने से पहले यहां पूजा करना जरूरी होती है। इस मंदिर को वास्तुकला और मूर्तिकल का अद्धभुत नमूना माना जाता है। मंदिर में स्थित भगवान वासुकी नाग और राजा जमुन वाहन की मूर्ति एक ही पत्थर पर तराशी गई है। दोनों ही प्रतिमाएं 87 डिग्री पर झुकी हुई हैं। भद्रवाह जम्मू संभाग से 185 किलोमीटर दूर है।