कड़ी सुरक्षा के बीच माता खीर भवानी मेले की हुई शुरुआत, बड़ी संख्या में पूजन के लिए पहुंचें कश्मीरी हिन्दू
   08-जून-2022
 

Mata kheer Bhawani Mela 
 
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुल्ला में बुधवार को प्रसिद्ध और वार्षिक माता खीर भवानी मेला शुरू हो गया। प्रसिद्ध राग्या देवी मंदिर स्थित खीर भवानी मेले में श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस बार मंदिर को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। घाटी के अमरनाथ में बाबा बर्फानी के बाद खीर भवानी मेले की सबसे ज्यादा पहचान है। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते खीर भवानी मेले का आयोजन नहीं हो सका है।
 
घटनाओं का पूर्वाभास कराता है मंदिर में स्थित तालाब का पानी 
 
खीर शब्द का तात्पर्य दूध और चावल के हलवे से है जो देवी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है। खीर भवानी को कभी-कभी 'दूध देवी' के रूप में व्यक्त किया जाता है। खीर भवानी की पूजा कश्मीर के हिंदुओं के बीच सार्वभौमिक है, उनमें से ज्यादातर जो उन्हें अपने संरक्षक देवता कुलदेवी के रूप में पूजते हैं। मंदिर के अंदर के तालाब के पानी का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि त्योहार के दिन इसके पानी का रंग अगले साल तक होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास देता है। स्थानीय धर्मार्थ ट्रस्ट झरनों से घिरे भूमि के एक बड़े टुकड़े में फैले तीर्थ परिसर का रखरखाव करता है।
 
 
 
श्रद्धालुओं के हौंसले को आतंकी नहीं कर सके कम 
 
हालांकि, घाटी में हाल ही में लक्षित हत्याओं और प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज प्रवासी कर्मचारियों को सुरक्षा चिंताओं के कारण जम्मू में स्थानांतरित करने के उनके आह्वान के कारण भक्तों की सामान्य भीड़ गायब है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि कश्मीर में एक महीने में 9 लक्षित हत्याएं हुई हैं। मंदिर गए भाजपा के महासचिव संगठन (जम्मू-कश्मीर) अशोक कौल ने संवाददाताओं से कहा कि भीड़भाड़ जैसी कोई बात नहीं है। “भक्त आ रहे हैं और दोपहर तक मंदिर परिसर खचाखच भरा रहेगा”।
 

Mata kheer Bhawani  
 
दो वर्ष बाद मेले का हुआ है आयोजन 
 
आपको बता दें कि करीब दो वर्ष बाद तुलमुला में मां क्षीर भवानी मेला आयोजित हुआ है। हालांकि मेले पर टारगेट किलिंग का असर देखने को मिला, फिर भी काफी संख्या में कश्मीरी हिंदू मेले में शामिल होने के लिए जम्मू सहित दूसरे राज्यों से यहां पहुंचे हुए हैं। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 की पाबंदियों के चलते मेला आयोजित नहीं हुआ था।
 
आतंक पर आस्था भारी
 
मां क्षीर भवानी जिन्हें मां राघेन्या भी पुकारा जाता है, कश्मीरी हिंदुओं की आराध्य देवी है। खीर भवानी का मेला कश्मीरी हिंदुओं का मुख्य पर्व माना जाता है। वादी में हाल ही में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी से पैदा हालात के चलते मेले के आयोजन पर आशंका पैदा हो चुकी थी, लेकिन मेले में भाग लेने के लिए मंगलवार की शाम को ही तुलमुला में श्रद्धालुओं का आगमन शुरु हो गया था, जो इस बात का संकेत है कि आतंक पर आस्था भारी है। श्रद्धालुओं में कहीं भी आतंकियों का डर नहीं है।