कर्ज तले आकंठ डूबे पाकिस्तान के खजाने में विदेशी मुद्रा डॉलर का अकाल पड़ा है। नतीजतन पाकिस्तानी रूपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड 246 रू तक पहुंच चुका है। पाकिस्तान स्टेट ऑयल के पास इस महीने की किस्त का भुगतान करने के लिए डॉलर्स नहीं है। 28 अगस्त तक करीब 270 बिलियन रू का भुगतान पाकिस्तान स्टेट ऑयल को करना है, ताकि तेल की सप्लाई न रूके।
ऐसे में घबराये पीएम शाहबाज शरीफ ने आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गुहार लगाई तो बाजवा ने यूएस अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट वेंडी शेरमन को फोन लगाया और जल्द से जल्द आईएमएफ के जरिये 1.2 बिलियन डॉलर के नये कर्ज का भुगतान करने की मिन्नतें कीं।
पाकिस्तानी अखबार 'न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने इस्लामाबाद में अमेरिकी राजनयिकों से मुलाकात कर आईएमएफ द्वारा 1.2 बिलियन डॉलर का भुगतान करने की गुहार लगा चुके हैं। जिसका कोई नतीजा नही निकला, अब चूंकि बात शाहबाज शरीफ सरकार के हाथों से बाहर निकल चुकी है, तो जनरल बाजवा ने भी यूएस फोन लगाकर डॉलर्स मांगने की लिस्ट में शामिल हो गये।
पाकिस्तान के आम लोगों पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ
अगस्त महीने के तीसरे हफ्ते में आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) की पाकिस्तान को 1.2 बिलियन डॉलर देने मसले पर मीटिंग होनी है। लेकिन तब तक का समय पाकिस्तान के पास नहीं है।
इस बीच सोमवार को आईएमएफ के अधिकारियों ने शाहबाज सरकार के साथ एक स्टाफ लेवल मीटिंग में और टैक्स बढ़ाने का निर्देश दिया है। जिसके तहत शाहबाज सरकार की इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी के आपात बैठक कर तुरंत नये टैक्स लगाने और अन्य टैक्स में इजाफा का ऐलान कर दिया है।
इसके तहत अगले एक हफ्ते में ही 30 बिलियन पाकिस्तानी रू इकठ्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्पष्ट है कि इससे आने वाले दिनों में पाकिस्तान के आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।