जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंक पर कड़ा प्रहार करते हुए 1990 में कश्मीरी हिंदुओं की हत्या का मुख्य आरोपी रहा आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी समेत कुल 4 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये बात सामने आई है कि बर्खास्त किए गए चारों आतंकियों के साथ मिली भगत में जुटे हुए थे और घाटी में आतंक को बढ़ावा देने में आतंकियों की मदद कर रहे थे। लिहाजा चारों का नाम सामने आने के बाद आखिरकार आज सरकार ने बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह अर्जुमंद खान समेत 4 को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। 4 कर्मचारियों में पाकिस्तान के हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा सैयद अब्दुल मुईद भी शामिल है।
2011 बैच की JKAS अधिकारी थी आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी
आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह अर्जुमंद खान 2011 बैच की जेकेएएस अधिकारी थी और ग्रामीण विकास विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी थी। वह जेकेएलएफ का समर्थन करने में शामिल पाई गई थी। इसकेआलावा कश्मीर विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक और एक सहायक प्रोफेसर को भी बर्खास्त किया गया है। जेकेईडीआई में प्रबंधक के रूप में कार्यरत अब्दुल मुईद को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अब्दुल मुईद, प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा है। आरोप है कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। खास बात यह कि सभी 4 कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया है, जो सरकार को अपने कर्मचारियों को बिना किसी जांच के बर्खास्त करने में सक्षम बनाता है।
कश्मीरी हिन्दू नरसंहार का आरोपी बिट्टा कराटे
आतंकी बिट्टा कराटे 1990 में कश्मीरी हिन्दू नरसंहार के दौरान 20 से ज्यादा कश्मीरी हिंदुओं की हत्या का मुख्य आरोपी रहा है। इस बात को आतंकी बिट्टा कराटे ने एक टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान चौंकाने वाला खुलासा करते हुए हत्या की इस बात का खुलासा किया था। आतंकी बिट्टा कराटे ने यह कबूल किया था कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद के शुरुआती दौर में जिन पहले कश्मीरी हिंदुओं की हत्या हुई थी, उनमें से एक सतीश टिकू की हत्या उसने की थी। इसके आलावा कुल 20 लोगों की हत्या भी कराटे ने की थी।