
जम्मू-कश्मीर के लिए VDG ग्राम रक्षा गार्ड यानि 'विलेज डिफेंस गार्ड योजना 2022' को सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह योजना 15 अगस्त से आधिकारिक तौर पर प्रभावी कर दी गई है। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने सोमवार को अपने एक आदेश में दी है।
मार्च माह में VDC सदयों ने की थी केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने VDG योजना 2022 को बनाने की मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि हाल ही में कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर भाजपा के नेताओं ने VDG (जिसे पहले VDC के नाम से जाना जाता था) सदस्यों के साथ नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर विलेज डिफेंस ग्रुप को पुनर्गठन करने की मांग उठाई थी।
गृहमंत्री ने सभी मांगों को पूरा करने का दिया था भरोसा
बैठक के दौरान सभी सदयों की मांग को मानते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने सभी सदयों को यह भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाएगा। वहीं इस बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने VDC यानि 'विलेज डिफेंस कमेटी' का नाम बदलकर VDG यानि 'विलेज डिफेंस गार्ड' नाम दिया था। सदस्यों की मांगों में वीडीसी और डीडीसी को नियमित करना, उनके वेतन को नियमित करना, खाली पड़े स्थानों को तत्काल रूप से भरना और समय से वेतन प्रदान करने जैसी कई मांगे शामिल थी।
इसके आलावा इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि संवेदनशील इलाकों में वीडीजी का मुखिया और समन्वय करने वाले को साढ़े 4 हजार रूपये तथा उसमें शामिल गार्डों को 4 हजार रुपए प्रति माह भुगतान किया जाएगा। वहीं 'ग्राम सुरक्षा समूह' को अब जिलों के पुलिस प्रमुख के सीधे नियंत्रण में काम करना होगा। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद विलेज डिफेंस गार्ड के सदस्य जम्मू कश्मीर के गांवों में आतंकवाद से निपटने और सेना की मदद करने का काम करेंगे। इन्हें मानदेय भी दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने व्यक्त किया धन्यवाद
अब सरकार की तरफ से आधिकारिक मंजूरी मिलने के बाद 'विलेज डिफेंस गार्ड' के सदस्यों को ग्राम रक्षा रक्षक के तौर पर नामित किया जाएगा। सरकार के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर के नेता और केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को विलेज डिफेंस गार्ड योजना को लेकर धन्यवाद व्यक्त किया है।
आतंकवाद से निपटने के लिए ग्राम रक्षा ग्रुप की हुई थी स्थापना
गौरतलब है कि 90 के दशक में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर था, तब हिंदुओं तथा अल्पसंख्यक मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए 'VDC' की स्थापना की गई थी। इसके सदस्य आतंक विरोधी अभियानों में सेना की मदद करने, असामाजिक तत्वों पर नजर रखने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। अब इस योजना को पुनर्गठित कर और नाम बदलकर 'ग्राम रक्षा गार्ड' यानी VDG कर दिया गया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि वीडीजी के सदस्यों को अब 'गार्ड' के नाम से जाना जाएगा और उनका वेतनमान भी निर्धारित होगा।