देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश बनें जस्टिस उदय उमेश ललित
जस्टिस उदय उमेश ललित ने आज शनिवार को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु ने जस्टिस ललित को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। बता दें कि जस्टिस एनवी रमणा के सेवानिवृत होने के उपरांत जस्टिस ललित देश के नए मुख्य न्यायाधीश बने हैं। जस्टिस एनवी रमणा शुक्रवार को अपने पद से सेवानिवृत हो गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं जस्टिस यूयू ललित
जस्टिस ललित देश के दूसरे ऐसे मुख्य न्यायाधीश हैं जो वकील से सीधे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और फिर देश के मुख्य न्यायाधीश बने हैं। इससे पहले जस्टिस एसएम सीकरी वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बने थे और 1971 में भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। वहीं बता दें कि मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस ललित का कार्यकाल कुल 2 महीने कुछ दिन का है, जिसके बाद वह 8 नवंबर को सेवानिवृत होंगे।
तय परंपरा के मुताबिक सेवानिवृत होने वाले देश के मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के नाम की संस्तुति सरकार को भेजते हैं। लिहाजा इससे पहले जस्टिस एनवी रमणा ने गत 3 अगस्त को जस्टिस यूयू ललित को देश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी थी। जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं इसलिए जस्टिस रमणा ने उनके नाम की संस्तुति सरकार को भेजी थी।
जस्टिस ललित का सफर
9 नवंबर 1957 को जन्में जस्टिस ललित जून 1983 में एडवोकेट के तौर पर इनरोल्ड हुए और दिसंबर 1985 तक उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में वकालत की। इसके बाद वे दिल्ली आ गए और यहीं वकालत करने लगे। अप्रैल 2004 में वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डिजिग्नेट हुए। इसके बाद जस्टिस ललित 2जी घोटाले मामले में CBI के विशेष लोक अभियोजक नियुक्त हुए। 13 अगस्त 2014 को वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए। इस दौरान जस्टिस ललित ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कई अहम फैसले दिये हैं जिसमें तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने का फैसला महत्वपूर्ण है।
74 दिनों का होगा कार्यकाल
जस्टिस ललित के परिवार को कानून में 102 साल की विरासत हासिल है। जस्टिस यूयू ललित के दादा रंगनाथ ललित देश की आजादी से बहुत पहले सोलापुर में एक वकील थे। शनिवार को जब जस्टिस यूयू ललित ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, तो इस दौरान उनकी 3 पीढ़ियां मौजूद रहीं। जस्टिस यूयू ललित (CJI UU Lalit) न्यायपालिका (Judiciary) के मुखिया के रूप में अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान 3 क्षेत्रों पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे।
क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट हैं जस्टिस ललित
जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट हैं। 13 अगस्त 2014 को सीधे बार से उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2G मामलों में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में हिस्सा ले चुके हैं। वे दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।