
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड ऑफिस को सील कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को ईडी ने नेशनल हेराल्ड ऑफिस में छापेमारी भी की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने 'नेशनल हेराल्ड' में कथित मनी लांड्रिंग मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ के बाद बड़ी कार्रवाई की है। छापेमारी के बाद ईडी की टीम ने दफ्तर में छानबीन की थी।
गौरतलब है कि हाल ही में ईडी की टीम ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की थी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। लिहाजा अब प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को सील कर के उस पर नोटिस चस्पा दिया है। ED ने ये साफ़ कर दिया है कि बिना उसकी इजाजत अब नेशनल हेराल्ड का दफ्तर नहीं खुल सकेगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली कंपनी एजेएल को घाटे से उबारने के लिए कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का कर्ज दिया था। बाद में इस कर्ज के एवज में एजेएल ने अपने 99 प्रतिशत शेयर यंग इंडियन कंपनी को दे दिए। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 38–38 प्रतिशत शेयर हैं। ईडी यंग इंडियन को मिले एजेएल के शेयर समेत यंग इंडियन के खाते में आए पैसों की जांच कर रही है।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पहले इस मामले में पवन बंसल, मल्लिकार्जुन खड़गे आदि से पूछताछ हो चुकी है। कांग्रेस की दलील है कि उसके नेताओं ने आजादी की विरासत से जुड़े एजेएल की मदद की और यंग इंडियन कंपनी जिन नियमों के तहत बनी है उसमें शेयर धारक एक रूपया भी नहीं निकाल सकते। ऐसे में काला धन सफेद करने के आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं।