Diamer-Bhasha Dam : हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हर रोज कुछ न कुछ ऐसा कारनामा होता है जिन्हें खबरों में सुर्खियां बनते देर नहीं लगती। महंगाई और गरीबी की मार झेल रहा पाकिस्तान इन दिनों भारी बाढ़ की चपेट में है। लोगों में कोहराम मचा हुआ है। बाढ़ और महंगाई से निजात पाने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना चीफ जनरल बाजवा विश्व भर के देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन कर आप चौंक जाएंगे।
डायमर-भाषा बांध पाकिस्तान
दरअसल पाकिस्तान में इन दिनों विवाद के केंद्र में सिंधु नदी पर प्रस्तावित डायमर-भाषा बांध (Diamer-Bhasha Dam) है। पाकिस्तान के भविष्य की जीवन रेखा कहा जाने वाला ये विशाल बांध एक जबरदस्त घोटाले का शिकार हो गया है। विवाद भी ऐसा कि आप चौंक जाएंगे। पाकिस्तान के समाचार पत्र ''VICE'' के जरिए ये बात सामने आई है कि इस बांध को बनाने के लिए पाकिस्तान ने जनता से 40 मिलियन डॉलर यानि करीब 9 अरब रुपए जुटाए गए थे, लेकिन इसके विज्ञापन में इससे भी कई गुना ज्यादा खर्च कर दिया गया था। पाकिस्तान की संसदीय लेखा समिति यानि (PAC) के अनुसार, बांध के विज्ञापन पर 63 मिलियन डॉलर यानि 14 अरब रुपए खर्च किए गए हैं, जो कि अभी तक पूरी तरह से बना भी नहीं है।
1980 के दशक में किया गया था प्रस्तावित
दरअसल VICE की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2018 में, साकिब निसार, जो उस समय पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस थे, उन्होंने सिंधु नदी पर बन रहे डायमर-भाषा बांध के निर्माण पर काम करना शुरू किया। इस बांध को 1980 के दशक में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन कई मुद्दों के कारण इसके निर्माण में लगातार रुकावट आती गईं। 2018 में, निसार बांध के निर्माण के लिए जनता से चंदे के तौर पर पैसा जुटाने की योजना बनाई, जो बांध के निर्माण में लगाया जाना था। लिहाज़ा कई कई प्रभावशाली पाकिस्तानियों ने उदारता से बड़े स्तर पर दान दिया।
यहां तक कि पाकिस्तानी सेना ने 1 अरब रुपए दान करने के लिए अपने सैनिकों के वेतन के एक हिस्से में कटौती तक की। इसके अलावा पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने भी फंड में अपना योगदान दिया। VICE की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने फंड की ज्वाइंट लीडरशिप ली। इसके बाद पाकिस्तान को पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए एक ज्वाइंट वेंचर बनाया गया।
क्राउडफंडिंग का आलोचना और विवाद
बांध के निर्माण में क्राउडफंडिंग जैसी योजना के लिए साकिब निसार की काफी निंदा की गई थी। यहां तक कि जब पाकिस्तान के आम नागरिकों ने अपना पैसा दान किया, तो कई हाई- प्रोफाइल हस्तियों ने इसकी आलोचना भी की। Vice के मुताबिक, एक पर्यावरण वकील राफे आलम ने इस तरह की क्राउडफंडिंग के अभियान को"हास्यास्पद" करार दिया।
योजना का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि पब्लिक क्राउडफंडिंग पहल शुरू करने के लिए एक मौजूदा मुख्यन्यायाधीश के लिए कोई मिसाल नहीं थी। लेकिन चीजें तब चरमरा गईं, जब फरवरी 2019 तक यह साफ हो गया कि अभी भी जुटाई गई रकम और बांध के निर्माण के लिए जितनी रकम चाहिए, उसमें 6.3 बिलियन डॉलर का अंतर है।
बहरहाल अब निसार ने रिटायरमेंट के बाद यह घोषणा करके जनता को चौंका दिया कि ये चंदा बांध बनाने के लिए नहीं बल्कि जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि यह पैसा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए काफी होगा। हम जागरूकता पैदा करना चाहते थे और लोगों को यह समझाना चाहते थे कि यह कितना जरूरी है।”
बांध के निर्माण से ज्यादा विज्ञापन पर हुआ खर्च
दरअसल निसार के चौंका देने वाले बयान से एक दिन पहले, नेशनल असेंबली के एक सदस्य इकबाल अहसान ने यह दावा किया था कि बांध के निर्माण की जगह विज्ञापन पर ज्यादा पैसा खर्च किया गया था। इन दावों को अब नेशनल असेंबली की लोक लेखा समिति यानि (PAC) का समर्थन भी हासिल हो गया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, PAC ने मंगलवार को निसार को डायमर-भाषा बांध कोष पर समिति को जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया है। साथ ही संसद के कई सदस्यों ने भी जांच की मांग की है कि आखिर ये सब पैसा कैसे खर्च किया गया।