प्रत्येक जिले में खुलेगा मल्टीपर्पज सिनेमाहॉल
इसी तरह के सिनेमा घर जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में खोलने की जम्मू-कश्मीर सरकार की योजना है। वहीं बात करें अन्य मल्टीप्लेक्स की तो इसी मंगलवार को श्रीनगर में भी एक मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहा है। इस मल्टीप्लेक्स में 520 सीटों की क्षमता वाले 3 सिनेमाघर होंगे। कश्मीर संभाग में इन सिनेमाघरों का खुलना जम्मू-कश्मीर के लिए एक नया अध्याय है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उद्घाटन के मौके पर कहा कि ''फिल्में संस्कृति, मूल्यों और लोगों की अपेक्षाओं को दिखाने का सबसे बेहतर माध्यम है। यह ज्ञान, नई, खोज, एक-दूसरे की संस्कृति को जानने के लिए भी द्वार खोलती हैं। अनंतनाग, श्रीनगर, बांडीपोरा, गांदरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में भी जल्दी ही ऐसे सिनेमा घरों का उद्घाटन किया जाएगा''।
90 के दशक तक 1 दर्जन से अधिक सिनेमाघर
दरअसल 90 के दशक तक कश्मीर संभाग में 1 दर्जन से अधिक सिनेमाघर हुआ करते थे, किंतु 1990 में आतंकी संगठनों की धमकियों और आतंकी हमलों के कारण सभी सिनेमा घर बंद हो गए थे। इसके बाद वर्ष 1999 में एक बार फिर सिनेमाहॉल खोलने का प्रयास किया गया। जिसमें नीलम, रीगल और ब्राडवे नाम के सिनेमाहॉल खुले। किंतु ये भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सके। दरअसल सितंबर, 1999 में श्रीनगर के लाल चौक स्थित रीगल सिनेमा पर एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद रीगल और ब्राडवे सिनेमा आतंकी हमलों के कारण कुछ ही दिनों के भीतर फिर बंद हो गए। लेकिन जम्मू-कश्मीर अब पहले जैसा नहीं रहा है। अनुच्छेद 370 के खात्में के बाद से यहां स्थितियां तेजी से सुधर रही हैं।
युवाओं के लिए रोजगार का साधन बनेगा नया सिनेमाहॉल
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सिनेमा की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि ''जम्मू कश्मीर का विश्व सिनेमा के साथ लंबा रिश्ता है। नई फिल्म नीति ने जम्मू-कश्मीर को शूटिंग के लिए फिर से पहली पसंद बनाया है। जम्मू-कश्मीर का स्वर्णिम युग फिर से लौटेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मिशन यूथ, जिला प्रशासन, जादूज समूह और समाज के इन प्रयासों को हर कोई सराहेगा। सामाजिक बदलाव में सिनेमा अहम भूमिका निभाता है। यह लोगों को समाज के लिए काम करने को प्रेरित करता है। जम्मू कश्मीर में नए सिनेमा हाल युवाओं को रोजगार मुहैया करवाएगा।