नहीं चली चीन की चाल ; लश्कर आतंकी अब्दुल रहमान मक्की ग्लोबल टेररिस्ट घोषित, भारत में हुए इन आतंकी हमलों का है मास्टरमाइंड
   17-जनवरी-2023
 
LeT’s deputy chief Abdul Rehman Makki declared global terrorist by UNSC
 
 

भारत में हुए 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमांइड आतंकी हाफिज सईद का साला अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को 'संयुक्त राष्ट्र संघ' की सुरक्षा परिषद यानि UNSC ने सोमवार को ग्लोबल आतंकी (Global Terrorist) घोषित कर दिया है। आतंकी अब्दुल रहमान मक्की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- तैयबा का आतंकी है, जो भारत में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रह चूका है। गौरतलब है कि UNSC में अब्दुल रहमान मक्की को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव 2 बार पहले भी पेश हो चुका है। पहला प्रस्ताव 2020 में और दूसरा जून 2022 में पेश हुआ था। किंतु दोनों ही बार चीन ने प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए वीटो जारी कर रोड़े अटकाए थे। बहरहाल सोमवार, 16 जनवरी को एक बार फिर भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चीन कोई अड़ंगा नहीं लगाया। इसके बाद मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया गया।

 
चीन भारत को रोक नहीं सकता - सैयद अकबरुद्दीन
 

अब्दुल रहमान को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाली कमिटी ने उसे भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जिसमें 22 दिसंबर 2000 में लाल किले पर हुआ हमला भी शामिल है। UN ने अपने बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद समिति ने अब्दुल रहमान मक्की को ISIL और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। इसके फैसले के बाद से आतंकी मक्की की संपत्ति जब्त होगी, इसके अतिरिक्त उसकी यात्रा पर भी प्रतिबंध लगेगा। वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने अब्दुल रहमान मक्की के ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की इस फैसले से दुनिया में ये समझ बन रही है कि चीन भारत को रोक नहीं सकता है। चीन ने भारत के लोगों की न्याय की मांग में रोड़े अटकाए थे। जबकि अभी कई और आतंकी हैं जिन्हें जल्द ग्लोबल आतंकी घोषित करवाना है।


कौन है आतंकी अब्दुल रहमान मक्की ?


1. अब्दुल रहमान मक्की आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ और लश्कर की राजनीतिक पार्टी जमाद उद दावा का चीफ है।

2. वो मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला भी है।

3. लश्कर के कई ऑपरेशन्स में आतंकी मक्की का हाथ रहा है।

4. आतंकी मक्की टेरर फंड इकट्ठा करने, जम्मू कश्मीर में युवाओं को हमले के लिए उकसाने और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचने का काम करता रहा है।

5. बता दें कि भारत और अमेरिका ने मक्की को अपने कानून के तहत पहले ही आतंकवादियों की लिस्ट में डाल रखा है।

 

 

भारत में हुए बड़े आतंकी हमलों में आतंकी मक्की हाथ 
 

गौरतलब है कि भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों के पीछे हाफिज सईद के साथ-साथ आतंकी अब्दुल मक्की भी शामिल रहा है। अब्दुल रहमान को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाली कमिटी ने उसे भारत में हुए कई हमलों के लिए जिम्मेदार भी ठहराया है। जो निम्न हैं। 


1- 22 दिसंबर सन 2000 में लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकियों ने लाल किले में घुसकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी। इस हमले में सेना के 2 जवान समेत तीन लोग बलिदान हो गए थे।

 

2-  1 जनवरी 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकियों ने CRPF के काफिले पर हमला किया था। इसमें 7 CRPF जवानों और 1 रिक्शा चालक की जान चली गई थी।

 

3- लश्कर ने ही 26/11 को मुंबई में आतंकी हमला कराया था। इस आतंकी हमले में 175 लोगों की मौत हो गई थी।

 

4- 12-13 फरवरी 2018 में श्रीनगर स्थित करण नगर में CRPF कैंप में लश्कर का आत्मघाती हमलावर घुस गया, इस हमले में सेना का एक जवान बलिदान हुआ।

 

5- 30 मई 2018 को बारामूला में लश्कर के आतंकियों ने 3 नागरिकों की हत्या कर दी।

 

6- लश्कर आतकियों ने 14 जून 2018 को 'राइजिंग कश्मीर के एडिटर सुजात बुखारी और 2 सिक्योरिटी गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

 

7- जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा में लश्कर के आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। हमले में 4 जवान बलिदान हो गए थे। इन सभी हमलों के पीछे आतंकी अब्दुल रहमान मक्की का हाथ रहा।  


UNSC के प्रस्ताव के मुताबिक प्रतिबंध में क्या-क्या शामिल ?

 
आपको बता दें कि अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों को लिस्टेड करने पर UNSC के प्रस्ताव के मुताबिक कुल 6 प्रतिबन्ध लगाए जाते हैं। 
 
 
आतंकी की संपत्ति फ्रीज कर दी जाएगी।
 

आतंकी किसी भी प्रकार का कोई हथियार खरीद नहीं सकता।

 

वो अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा नहीं कर सकता।

 
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने पर आतंकी किसी भी देश में अपनी आर्थिक गतिविधियों को नहीं चला सकते। 
 
 
इन आतंकियों से जुडी संस्थाओं पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है। अर्थात पैसे की सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दी जाती है। 
 
 
पाकिस्तान को ना चाहते हुए भी आतंकी से जुड़े मदरसों और कैंप को बंद करवाना पड़ता है।  
 
 
 
LeT’s deputy chief Abdul Rehman Makki declared global terrorist by UNSC Report
 
 
 
चीन कब-कब बना आतंकियों का मसीहा ?

 

चीन अक्सर आतंकवादियों का मसीहा बनता रहा है। चीन ने पहले भी कई बार पाकिस्तानी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में बाधाएं डालता रहा है। लिहाजा एक नजर चीन की करतूतों पर भी डालते हैं। 


1.चीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्तावों पर बार-बार अड़ंगा लगाया।


2. 2020 और जून 2022 में चीन ने अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाया।


3. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अगस्त 2022 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ के खिलाफ प्रस्ताव रोका।


4. सितंबर 2022 में भारत और अमेरिका ने आतंकवादी साजिद मीर को ग्लोबल आतंकियों की लिस्ट में शामिल करने की मांग की थी। तब भी चीन ने अड़ंगा लगाया।


5. अक्‍टूबर 2022 में लश्कर के आतंकी शाहिद महमूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्‍ताव पर चीन ने बाधा डाली।


 

Ujjawal Mishra