21-जनवरी-2023 |
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर केंद्र की मोदी सरकार तेजी से काम कर रही हैं। तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर भारत भी सुरक्षा बलों को आधुनिक सैन्य उपकरणों से लैस कर रहा है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 23 जनवरी को भारतीय नौसेना में पूरी तरह से स्वदेश निर्मित 5वीं कलवारी सबमरीन ‘INS वागीर‘ को कमिशन किया जाएगा। इसके कॉक्सवेन दलजिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि भविष्य में अगर कभी भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ता है तो यह सबमरीन किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार है। .
गौरतलब है कि आईएनएस वागीर को पूरी तरह से मुंबई के 'मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड' द्वारा बनाया गया है। इसे बनाने में फ्रांस के नेवल ग्रुप ने सहयोग किया है। मिली जानकारी के अनुसार स्वदेशी सबमरीन के कमिश्निंग समारोह में नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कलवारी कैटगरी के सबमरीन को 23 जनवरी को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। बता दें की कलवारी कैटगरी के 4 सबमरीन को पहले ही नौसेना में कमिशन किया जा चुका है।
बता दें कि सबसे पहले 1 नवंबर 1973 को पहले 'वागीर सबमरीन' को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था, जिसने कई बड़े ऑपरेशनल मिशन को अंजाम दिया। लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद 7 जनवरी 2001 को इस सबमरीन को डी-कमिशन कर दिया गया था। इसके बाद एक बार फिर 12 नवंबर 2020 को इसे नए अवतार के साथ फिर लॉन्च किया गया। इसके पूरा होने के बाद फरवरी 2022 में इसे ट्रायल के लिए समुद्र में उतारा गया था। वहीं दिसंबर 2022 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने नौसेना को सौंपा था।
विशेषता
1. वागीर को ‘द सैंड शार्क’ भी कहा जाता है, जो भारत के समुद्री हितों को बढ़ाने में नौसेना को बढ़ावा देगा।
2. खास बात ये है कि इस सबनरीन के एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, इंटेलिजेंस गेदरिंग, माइन लेइंग और सर्विलांस मिशनों के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है।
3. यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की नवीनतम तकनीक है।
4. यह एक साइलेंट सबमरीन है।
5. यह बेहतरी किस्म के एंटी-सबमरीन वेपंस से लैस है। इसमें खास किस्म के रडार सिस्टम लगे हैं, जो दूर से ही दुश्मन को पहचान उसे नेस्तनाबूद करने में सक्षम है।
6. INS वगीर को तट के साथ-साथ मध्य महासागर दोनों के करीब तैनात किया जा सकता है।
7. यह नौसेना और देश की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार होगा।