आतंक पर मोदी सरकार का करारा प्रहार ; लश्कर के प्रॉक्सी संगठन TRF पर लगा प्रतिबंध, जाने पूरा मामला
    06-जनवरी-2023

Lashkar's proxy organization TRF banned
 

आतंकवाद के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने गुरूवार को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के सहयोगी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (The Resistance Front) को आतंकी संगठन घोषित करते हुए उस पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। इसके अलावा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के एक कमांडर शेख सज्जाद गुल (Sheikh Sajjad Gul) और मोहम्मद अमीन उर्फ ​​अबू खुबैब को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 UAPA की चौथी अनुसूची के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया है। 

 
वहीं केंद्र सरकार ने एक और महतवपूर्ण कदम उठाते हुए लश्कर आतंकी मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को आतंकी घोषित किया जो जम्मू-कश्मीर का ही रहने वाला है। वह वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है। अबू खुबैब लश्कर-ए-तैयबा के लांचिंग कमांडर के रूप में काम कर रहा है। वह जम्मू-कश्मीर में लश्कर की आतंकवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने गुरुवार देर शाम इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की।
 
 
 
क्या है कारण ?
 

गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में बताया कि TRF जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगातार मदद कर रहा था। घाटी में हुए कई टारगेट किलिंग्स की घटनाओं में भी TRF का नाम सामने आया। राजौरी के ढांगरी गांव में आधार कार्ड से पहचान कर चार हिंदुओं की हत्या की गई थी। इस घटना की जिम्मेदारी खुद TRF ने ली थी। घाटी में पिछले दिनों हुई तमाम टारगेट किलिंग के पीछे भी TRF का हाथ बताया जा रहा है।

 
 केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संगठन की गतिविधियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा हैं। इस आतंकी संगठन के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, TRF आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया मंच का सहारा ले रहा था। यह संगठन आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ, पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए युवाओं की भर्ती कर रहा था।
 
 
 

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जम्मू कश्मीर में आतंक को जिंदा रखने के लिए यह आतंकी संगठन तरह-तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं। घाटी में हाल के दिनों में हुए टारगेट किलिंग में TRF के हिट स्क्वाड कहे जाने वाले 'फाल्कन स्क्वाड' का भी नाम सामने आ चुका है। बता दें कि फाल्कन स्क्वाड, TRF का ही हिट स्क्वाड है जो जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए बड़ा चैलेंज बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक फाल्कन स्क्वाड छोटे पिस्टल से हमले के नए आतंकी मॉड्यूल पर काम करता है। हालाँकि इन तमाम आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों को सुरक्षाबल चुन-चुन के मौत के घाट उतार रहे हैं। लिहाजा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से आतंक के आका और उनके सरपरस्त इस समय बौखलाए हुए हैं। 

 
 
 
TRF लस्कर का  प्रॉक्सी संगठन
 
 
आपको बता दें कि साल 2019 में जब केंद्र सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन घोषित किया था, उसके बाद द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम से नया संगठन सामने आया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन रहा है। आस्तित्व में आने के बाद से यह आतंकी संगठन कई छोटे बड़े टारगेट किलिंग्स की घटनाओं को अंजाम दे चूका है। इसके अलावा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि ये संगठन सोशल मीडिया के जरिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने का भी काम करता रहा है। इसके अतिरिक्त आतंकवाद के लिए युवाओं की भर्ती और हथियारों और ड्रग्स की स्मगलिंग भी शामिल है।