जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद यहाँ अनेक अभूतपूर्व विकास कार्य होते हुए देखा जा सकता है। कश्मीर को ट्रेन के माध्यम से देश के हर कोने से जोड़ने की दिशा में काम कर रही केंद्र सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। रेलवे के ये सभी प्रोजेक्ट्स पूरे होने के बाद वो दिन दूर नहीं जब कन्याकुमारी से कश्मीर तक ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार इसके अलावा जम्मू कश्मीर की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी कड़ी में उत्तर रेलवे ने आम कश्मीरियों समेत देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पहले से ही संचालित रेल नेटवर्क में एक नई और आकर्षक सुविधा जोड़ी है।
दरअसल 19 अक्टूबर को कश्मीर में हर मौसम के लिए उपयुक्त ग्लास-सीलिंग AC ट्रेन- विस्टाडोम कोच का शुभारंभ किया गया। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व रेल मंत्री अश्वनी वैष्णो ने अत्याधुनिक विस्टाडोम ट्रेन का उद्घाटन किया। हालाँकि इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान रेलमंत्री अश्वनी वैष्णो वर्चुअली इस कार्यक्रम में जुड़े थे। वहीं इसके अलावा कार्यक्रम में नैशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे। फारूक अब्दुल्ला ने विस्टाडोम कोच वाली इस अत्याधुनिक ट्रेन में सफ़र कर कश्मीर घाटी की खूबसूरत वादियों का आनंद भी लिया। विस्टाडोम ट्रेन से सफ़र करने वाले लोगों और पर्यटकों को बनिहाल से बारामुला तक 135 किमी लंबे ट्रैक के साथ घाटी के सुंदर परिदृश्य का मनमोहक दृश्य देखने का मौका मिलेगा। बता दें कि नॉर्दन रेलवे ने इस साल जुलाई में बडगाम से बारामुला तक ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया था।
विस्टाडोम कोच में मिलने वाली सुविधाएँ
1. 360 डिग्री तक घुमने वाली सीटें
2. अत्याधुनिक और विशेष रूप से तैयार किए गए विस्टाडोम कोच में लगी सीटें आरामदायक के साथ-साथ डबल-वाइड रिक्लाइनिंग सीटें हैं। यानि ये पूरे 360 डिग्री तक घूम सकती हैं, जिससे यात्रियों को अपने आसपास का एक विस्तृत मनोरम दृश्य देखने में मदद मिलेगी।
3. इसके अतिरिक्त, इसमें कांच के गुंबद वाली छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रखने के लिए रैक, यात्रियों के मनोरंजन के लिए LED स्क्रीन और GPS से युक्त सूचना प्रणाली सुविधा शामिल हैं।
4. विस्टाडोम कोच वाली ये अत्याधुनिक ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी और सभी लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
5. यह ट्रेन दिन में मात्र 2 बार चलेगी। बात करें ट्रेन टिकट की तो इसका रेट 940 रुपये तक राखी गई गई है।
6. इसके आलावा इस कोच में सफर करने वालों लोगों को गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में सामान राहत मिलेगी।
7. 40 सीटों वाले विस्टाडोम कोच ट्रेन बनिहाल से बडगाम और बारामूला स्टेशनों तक चलेंगी।
8. ट्रेन के कोचों का उत्पादन चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने किया है जिसकी अनुमानित लागत करीब 4 करोड़ रुपये है।
9. एयर कंडीशनिंग से लैस यह कोच घाटी में सर्दियों की कठोर ठंड और गर्मियों की चिलचिलाती गर्मी से निजात दिलाएगा।
10. ट्रेन की सीटों के साथ 'ट्रे' की भी सुविधा मिलेगी, जैसे नार्मल चेयर कार ट्रेनों में मिलती है। जिससे यात्री भोजन का आनंद भी आसानी से ले सकते हैं। इसके अलावा यात्रा के दौरान यात्री भारतीय रेलवे के मेनू से खां-पान की वस्तुएं भी ऑर्डर कर सकते हैं।
पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा
रेलवे के इस प्रयास से यकीनी तौर पर जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में जोरदार वृद्धि होगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उद्घाटन समारोह के दौरान PM मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर में टूरिज्म में इजाफा होगा। सिन्हा ने कहा कि पिछले साल 1.88 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे थे जबकि इस साल 30 सितंबर तक 1.70 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है। अब इस विस्टाडोम ट्रेन के साथ पर्यटकों को कश्मीर की खूबसूरती का और अच्छे से अवलोकन करने का मौका मिलेगा। उपराज्यपाल ने कहा कि नई ट्रेन न केवल यात्रियों को बडगाम से बनिहाल तक पहुंचाएगी, बल्कि बडगाम, काजीगुंड और बनिहाल प्वाइंट्स पर युवाओं को आजीविका के अवसर भी प्रदान करेगी।
कश्मीर घाटी में अंतिम चरण में रेल लिंक का काम
कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल लिंक पर तेजी से काम जारी है जो अपने अंतिम चरण में है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस साल मार्च में घोषणा की थी कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) दिसंबर 2023 या जनवरी 2024 तक पूरी हो जाएगी और परियोजना पूरी होने पर जम्मू और श्रीनगर के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन संचालित की जाएगी। कुल 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर बारामुला रेल लिंक परियोजना को वर्ष 2002 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। 161 किलोमीटर रेलमार्ग को पहले ही खोल दिया गया है। बाकी बचे 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन पर भी 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। उम्मी द है कि साल 2023 के अंत तक इस सेक्शीन पर भी सारा काम पूरा हो जाएगा।
दुनिया का सबसे उंचा चिनाब ब्रिज
चिनाब ब्रिज और आर्क ब्रिज का काम पूरा
गौरतलब है कि अभी ट्रेन कश्मीर संभाग की तरफ से बारामूला से बनिहाल और जम्मू संभाग की तरफ से कटरा तक चलती है। लेकिन ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के पूरा होने से कश्मीर पूरी तरह से देश के अन्य हिस्सों से रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link Project-USBRL) पर ही चिनाब नदी के ऊपर दुनिया का सबसे उंचा चिनाब ब्रिज का भी निर्माण किया जा चुका है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क ब्रिज है। इस पुल की ऊंचाई 1,000 फीट से ज्यादा है और यह 1,315 मीटर लंबा है। यानि एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
अंजी नदी पर बन रहा भारत के पहले केबल रेलवे ब्रिज
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर की अंजी नदी पर बन रहे भारत के पहले केबल रेलवे ब्रिज का भी लगभग पूरा हो चुका है, अगले साल तक इस पर परिचालन शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बन रहा ये पुल रियासी को कटरा से जोड़ेगा। इसकी चिनाब ब्रिज से दूरी महज 7 किलोमीटर है। ये दोनों ही पुल ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला-रेल लिंक प्रोजेक्ट (USBRL) का हिस्सा हैं। इस पुल की कुल लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है। इस ब्रिज को 4 हिस्सों में बांटकर बनाया गया है। इस पुल के बीच में बने टावर की नदी के तल से ऊंचाई 331 मीटर है। ब्रिज का बीच का हिस्सा 290 मीटर का है, जिसमें से 52.5 मीटर का काम बचा हुआ है।
सड़कों और टनल का तेजी से बिछ रहा जाल
जम्मू कश्मीर में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तेजी से सड़कों और टनल का जाल बिछाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में 25000 करोड़ रुपये की लागत से 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत जोजिला में 6800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी टनल व अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह हॉर्स शू शेप की सिंगल-ट्यूब 7.57 मीटर ऊंची 2-लेन सुरंग है। यह सुरंग कश्मीर में गांदरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजिला पास के नीचे से गुजरेगी। इसके अलावा जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए 35,000 करोड़ रुपए की लागत से 3 कॉरिडोर बनाए जा रहे है। जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से आगे श्रीनगर तक 16,000 करोड़ रुपए की लागत से 250 किमी लंबाई का 4-लेन मार्ग भी बनाया जा रहा है। इसमें से 210 किमी मार्ग का 4-लेन पूरा हो चुका है। इसमें 21.5 किमी की 10 टनल भी शामिल हैं।

इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से भारत सरकार के 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई है। जोजिला सुरंग परियोजना के तहत, 810 मीटर की 4 पुलिया, 4,821 मीटर की 4 नीलग्रार सुरंगें, 2,350 मीटर के 8 कट एंड कवर तथा तीन 500 मीटर, 391 मीटर और 220 मीटर के वर्टिकल वेंटिलेशन शाफ्ट के साथ 13,153 मीटर की मुख्य जोजिला सुरंग प्रस्तावित हैं। अभी तक जोजिला सुरंग का 28 फीसदी काम पूरा हो चुका है।