
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल यानि 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर वीरगति को प्राप्त हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। 21 अक्तूबर, 1959 को ही लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमलों में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन सभी वीर बलिदानियों एवं ड्यूटी के दैरान मारे गए अन्य सभी पुलिसकर्मियों की स्मृति में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। पुलिसकर्मियों द्वारा दिए गए बलिदान तथा राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता बनाए रखने में पुलिस की उत्कृष्ट भूमिका का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर चाणक्यपुरी, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (NPM) देश को समर्पित किया था।
पुलिस स्मृति दिवस का इतिहास
20 अक्टूबर 1959 यही वो दिन था जब उत्तर-पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स की जगह पर तीन पुलिस के दलों को तैनात किया गया था। पुलिस बालों का यह दल लनक ला के रास्ते में था। इस दिन दो दलों की टुकड़ियों ने दोपहर को हॉट स्प्रिंग्स में लौट आए लेकिन तीसरे दल में दो पुलिस कांस्टेबल और एक कमांडर शामिल थे वे वापस नहीं आए.
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की खासियत
यह स्मारक पुलिस बलों में राष्ट्रीय पहचान, गर्व, उद्देश्यों में एकरूपता, एक समान इतिहास और भविष्य की भावना भरने के साथ-साथ, उनकी इस प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करता है कि उन्हें अपने प्राणों की कीमत पर भी देश की रक्षा करनी है। पुलिस स्मारक में एक केंद्रीय शिल्पकृति के अलावा ‘शौर्य की दीवार’ तथा एक संग्रहालय भी मौजूद है। केंद्रीय शिल्पकृति के रूप में मौजूद एक 30 फुट ऊँचा ग्रेनाइट का एकल पाषाण खंड पुलिस कर्मियों की शक्ति, विनम्रता और नि:स्वार्थ सेवा का प्रतीक है। इसी प्रकार ’शौर्य की दीवार’ जिस पर अमर वीर बलिदानियों के नाम उत्कीर्ण हैं, कर्तव्य के पथ पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों की बहादुरी और बलिदान के अचल प्रतीक के रूप में उपस्थित है। यहॉं मौजूद संग्रहालय की संकल्पना में भारतीय पुलिस व्यवस्था के इतिहास और विकास यात्रा के दर्शन होते है। यह स्थान पुलिस बल और आम नागरिकों दोनों के मन में एक तीर्थ जैसा आदर रखता है। यह स्मारक आम जनता के लिए सोमवार के अलावा अन्य सभी दिन खुला रहता है। CAPFs द्वारा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सूर्यास्त से एक घंटा पूर्व यहॉं बैंड, परेड और रिट्रीट समारोह का आयोजन भी किया जाता है।
‘पुलिस स्मृति दिवस’ अर्थात् 21 अक्तूबर को देश भर में ड्यूटी के दौरान बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। जबकि मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में आयोजित किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता परंपरागत रूप से गृह मंत्री जी द्वारा की जाती है। कार्यक्रम में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त परेड भी आयोजित की जाती है। गृह मंत्री, गृह राज्य मंत्री, सांसदों, CAPF/CPO प्रमुखों द्वारा बलिदानियों को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। इसके पश्चात्, गृह मंत्री वीर बलिदानियों को स्मरण करते हुए उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हैं और पुलिस व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों का उल्लेख करते हैं। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त महानिदेशक, पुलिस अधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होते है। यह कार्यक्रम हॉट स्प्रिंग्स के बलिदान हुए पुलिसकर्मियों को समर्पित वेदिका पर गृहमंत्री द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के साथ संपन्न होता है।
इसके पश्चात् 22 से 30 अक्तूबर के बीच CAPFs/CPOs द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर विभिन्न स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बलिदानियों के परिजनों को स्मारक पर आमंत्रित करना, पुलिस बैंड डिस्पले, मोटर साईकल रैली, बलिदानियों के निमित्त दौड़ आदि का आयोजन करने के साथ-साथ पुलिस बल कर्मियों के बलिदान, शौर्य तथा सेवा को दर्शाने वाली फिल्में भी दिखाई जाती है। इस अवधि के दौरान सभी पुलिस बलों द्वारा देश भर में इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।