भारतीय सेना का जोश होगा और भी हाई : कुपवाड़ा में LOC पर स्थापित हुई छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा

    07-नवंबर-2023
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Chhatrapati Shivaji Maharaj,
 
 
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा (Kupwara) में भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LOC) पर छत्रपति शिवाजी महाराज की (Chhatrapati Shivaji Maharaj) एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। हाथों में तलवार लिए घोड़े पर बैठे शिवाजी महाराज का मुख पाकिस्तान की तरफ केन्द्रित किया गया है। आज यानि 7 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने छत्रपति शिवाजी महाराज की इस भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि है जम्मू-कश्मीर के में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई है।
 
 
 
Chhatrapati Shivaji Maharaj,
 
 
गौरतलब है कि जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा कुपवाड़ा पहुंची तो भारतीय सेना की मराठा लाइट इंफ्रैंक्ट्री के जवानों का जोश देखने लायक रहा। 20 अक्टूबर को मुंबई राजभवन में एक भव्य समारोह का आयोजन कर छत्रपति शिवाजी महाराज की घुड़सवारी वाली इस प्रतिमा को ढोल नगाड़ों और जय भवानी जय शिवाजी के नारों के बीच जम्मू कश्मीर के लिए रवाना किया गया था। वहां से राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने हरी झंडी दिखाकर प्रतिमा को कुपवाड़ा के लिए रवाना किया। यह यात्रा महाराष्ट्र से शुरू हुई और एक सप्ताह में लगभग 2200 किमी की दूरी तय करके कुपवाड़ा पहुंची। मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख शहरों में ऐतिहासिक स्थलों पर पूजा-अर्चना करते हुए प्रतिमा का स्वागत भी किया गया।
 
 
 
 
छत्रपति शिवाजी महाराज की इस प्रतिमा की आधारशिला इसी वर्ष पड़वा के दिन कुपवाड़ा स्थित 41 राष्ट्रीय राइफल (मराठा लाइट इन्फेंट्री) भारतीय सैन्य शिविर में रखी गई थी। इसके निर्माण के लिए शिवनेरी, तोरणा, राजगढ़, प्रतापगढ़ और रायगढ़ से मिट्टी और पानी लाया गया। इस भव्य प्रतिमा की ऊँचाई साढ़े 10 फीट है और जमीन से लगभग इतनी ही ऊंचाई पर 7 बाय 3 वर्ग में बनाई गई है। इस प्रतिमा का निर्माण 'आमही पुणेकर फाउंडेशन' और छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक समिति के सहयोग से किया गया है। भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की इस प्रतिमा को देखकर दुश्मनों से लड़ने वाले हमारे वीर सैनिक छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श और नैतिक मूल्यों से प्रेरित होंगे। साथ ही यह प्रतिमा उन्हें एक नया जोश और जज्बा भी प्रदान करेगी।