विश्व को भारत की परमाणु शक्ति से परिचित कराने वाले पूर्व PM अटल जी की 99वीं जयंती आज ; पढ़ें राजनीतिक जीवन से लेकर उनके ऐतिहासिक फैसले

25 Dec 2023 13:23:34
 
Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary
 
आज 25 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती है। अटल जी की 99वीं जयंती पर आज सोमवार को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं ने दिल्ली स्थित सदैव अटल मेमोरियम पर पहुँच श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय मंत्री मौजूद रहे। सभी नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को पुष्पांजली अर्पित कर नमन किया।
 

PM मोदी ने अटल जी को याद करते हुए अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल X पर लिखा- ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर देश के सभी परिवारजनों की ओर से मेरा नमन। वे जीवनपर्यंत राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे। मां भारती के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अमृतकाल में भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा।‘ इसके आलावा PM मोदी ने अटल बिहारी की एक वीडियो भी शेयर की, जिसमें उनकी पुरानी तस्वीरें लगाई गई थीं। 

 
99th birth anniversary of former PM Atal ji
 
 
अटल जी का राजनीतिक जीवन
 

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश स्थित ग्वालियर के शिंदे की छावनी में हुआ था। उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एम.ए किया था। 25 दिसंबर 1924 में जन्मे अटल जी ने 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान सर्व प्रथम राजनीति में कदम रखा। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अटल जी 24 दिन तक कारावास में भी रहे थे। 1951 में जब ‘भारतीय जनसंघ’ का गठन हुआ तब उस वक्त अटल जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी ने लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। हालाँकि इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली और वे चुनाव हार गए। लेकिन हार के बावजूद अटल जी जमीन से जुड़कर लोगों के लिए काम करते रहे। उसके परिणाम स्वरुप अटल जी को अपने राजनीतिक करियर की पहली सफलता 1957 में मिली। 1957 में वे लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से लोकसभा चुनाव में उतरे। हालाँकि इन तीन सीटों में से 2 सीटों पर उन्हें हार मिली लेकिन यूपी की बलरामपुर लोकसभा सीट से उन्हें जीत मिली और वे पहली बार संसद पहुंचे। वे 10 बार लोकसभा में और 2 बार राज्यसभा में सांसद रहे। 

 
99th birth anniversary of former PM Atal ji
 
 
UN को हिंदी में संबोधित करने वाले पहले नेता


इस तरह से 1957 के आम चुनाव के बाद अटल जी के संसदीय सफर की शुरुआत हुई। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद अटल विहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने लगातार 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 25 जून 1975 को देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल के बाद जब, मोरारजी देसाई की केंद्र में सरकार बनी तब वाजपेयी जी ने देश के विदेश मंत्री का पद संभाला। विदेश मंत्री बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था। अटल जी के इस कदम की खूब चर्चा हुई। 

 
99th birth anniversary of former PM Atal ji
 
 
प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल
 

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसने 161 सीटें जीतीं और गठबंधन सरकार बनाने का दावा किया। पहली बार उन्होंने 16 मई 1996 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, उनकी सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई और 13 दिन में ही गिर गई। 1998 में बीच में एक बार फिर चुनाव हुए। चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल और NDA सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरा। अटल जी दोबारा 19 मार्च 1998 को प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनका यह कार्यकाल भी बहुत लंबा नहीं रहा। 13 महीने बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। पूर्ण बहुमत की सरकार न होने के कारण यहाँ भी सरकार गिर गई। इसके बाद अटल जी ने 13 अक्टूबर 1999 को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और Pएक नया रिकॉर्ड अपने नाम बनाया। PM बनने के बाद पहली बार उन्होंने ना सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा किया बल्कि अपने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा करने वाले वे देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में अटल जी के नाम कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुई। देश भी एक नई ऊंचाई पर पहुँचने eके लिए आगे बढा। 

 
99th birth anniversary of former PM Atal ji
 
 
अटल जी के कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले
 

अटल जी के 5 वर्षों के कार्यकाल में कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनका फायदा देश को आज भी मिल रहा है। केंद्र में अटल जी के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले की वजह से कभी 17 रुपए प्रति मिनट कॉलिंग वाले मोबाइल से फ्री कॉलिंग तक का दौर आना संभव हो पाया। अटल जी की सरकार ने टेलीकॉम फर्म्स के लिए फिक्स्ड लाइसेंस फीस को खत्म कर दिया और उसकी जगह रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की। अटल जी की सरकार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क जैसी महत्वपूर्ण योजना बनी। इस योजना के तहत देश का गाँव-गाँव मुख्य सडक मार्ग से जुड़ा। अटल सरकार में ही 15 सितंबर 2000 को ‘भारतीय संचार निगम लिमिटेड’ यानि (BSNL) का गठन किया गया। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए 29 मई 2000 को टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) का भी गठन किया। साथ ही देश के चारों महानगरों को जोड़ने के लिए उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की शुरूआत की।

 
99th birth anniversary of former PM Atal ji
 
 

16 अगस्त 2018 को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में लम्बी बिमारी के बाद उनका निधन हो गया। 94 वर्ष की आयु में उन्होंने अस्पताल में अपनी अंतिम सांसे ली। अटल जी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। देश को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को देश सदैव याद करेगा। उनकी कविताएँ आज भी लोगों के अंदर एक अलग जोश और उर्जा का संचार करती है।

 

99वीं जन्म जयंती पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन ।


 उज्जवल मिश्रा (अर्नव)
 
 
 
 
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