आतंकवाद पर केंद्र सरकार का कड़ा प्रहार ; 'मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर UAPA के तहत 5 साल का प्रतिबंध, जानें पूरा मामला

27 Dec 2023 16:06:27

 Masarat Alam led Muslim League Jammu Kashmir
 
 
जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने व उन्हें किसी ने किसी रूप में सहायता प्रदान करने तथा उनसे जुड़े संगठनों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार लगातार नकेल कसने का काम कर रही है। आतंकवाद से जुड़े ऐसे ही एक संगठन के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार ने आज बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज 27 दिसंबर को लंबे समय से जेल में बंद अलगाववादी समर्थक मसरत आलम भट के नेतृत्व वाली 'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर' (Masarat Alam led Muslim League Jammu Kashmir) को पूरी तरह से बैन कर दिया है। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर से संचालित होने वाले 'मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर को 'गैरकानूनी अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी संगठन घोषित करते हुए उस पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
 
 
 
 
 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वयं इस मामले में की जानकारी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि 'मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट)'/एमएलजेके-MA को UAPA के तहत एक 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है। यह संगठन और इससे जुड़े सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। ये संगठन और इसके लोग देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम करते हैं और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढाने में भी इनकी मुख्य भूमिका रही है। इसके अलावा ये संगठन और इसके लोग जम्मू कश्मीर के लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि 'आतंकवाद को लेकर मोदी सरकार का संदेश बेहद स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति या उससे जुड़े संगठन को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।
 
 
क्या है पूरा मामला ?
 
 
आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत, गृह मंत्रालय द्वारा 2023 में अब तक 4 संगठनों को आतंकी संगठन, 6 व्यक्तियों को आतंकवादी और 2 संगठनों को विधिविरुद्ध संगठन घोषित किया जा चुका है। 'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर' संगठन का नेतृत्व ऑल इंडिया हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के अंतरिम अध्यक्ष मसर्रत आलम द्वारा किया जाता है। ये मसर्रत आलम आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में लगभग 13 वर्षों से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। इस संगठन का नेतृत्व पहले अलगाववादी और आतंकवाद समर्थक सैयद अली शाह गिलानी किया करता था। 2021 में गिलानी की मौत के बाद इस पद पर मसर्रत आलम की नियुक्ति हुई। यह संगठन अपने राष्ट्रविरोधी, आतंकवाद को बढ़ावा देने और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है।
 
 
'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर' (मसरत आलम गुट)/ MLJK-MA संगठन और इसके सदस्य जम्मू कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। ये जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवाद के प्रति लोगों को भड़काकर जम्मू कश्मीर में इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहते हैं। जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। इस संगठन के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967, भारतीय दंड संहिता, 1860, आर्म्स एक्ट, 1959 और रनबीर दंड संहिता, 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
 
 
50 वर्षीय मसरत आलम पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में FIR दर्ज किया। 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों में उसकी भूमिका के लिए और प्रदर्शन को उग्र बनाने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि कुछ वर्षों बाद वो जेल से छुट गया। लेकिन फिर उसे आतंकवादी गतिविधियों में संलिपत्ता के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। आलम पर करीब 27 गंभीर मामले दर्ज हैं। सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के कारण वह लगातार गिरफ्तारी में हैं।
 
 
 
 
 
 
 
 
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