संक्षिप्त परिचय
जसबीर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1995 को पंजाब के तरनतारन जिले की खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र के वेईपुई गांव में हुआ था। वे एक किसान परिवार से आते थे, उनके पिता का नाम गुरभेज सिंह और माता का नाम सुखविंदर कौर है। जसबीर अपने परिवार के बड़े बेटे थे। किसान का बेटा होने के कारण जसबीर सिंह बचपन से मेहनती थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही पूरी हुई। सरकारी माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद से हाई स्कूल की परीक्षा पास की। हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जसबीर सिंह भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी में जुट गए। आखिरकार जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और वे दिसंबर 2014 में 19 भारतीय सेना में शामिल हो गए। जसबीर को सेना में आर्टिलरी रेजिमेंट की 39 फील्ड रेजिमेंट में नियुक्ति मिली।
वर्ष 2021 के दौरान, जसबीर सिंह की यूनिट 19 आरआर बटालियन को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में तैनात किया गया था। जसबीर की यूनिट इलाके में नियमित आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में लगी हुई थी। 29/30 दिसंबर 2021 की रात को श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर नौगाम सेक्टर में सीमापार से आतंकियों ने घाटी में घुसने की कोशिश की थी। 19 आरआर बटालियन के जवान पहले से ही हाई अलर्ट पर थे क्योंकि खुफिया सूत्रों ने सुरक्षाबलों को LOC पर होने वाले ऐसे संभावित प्रयासों के बारे में सूचित किया था। विशिष्ट खुफिया जानकारी मिलने पर, 19 आरआर बटालियन के जवानों ने इलाके में संदिग्ध क्षेत्र की तलाशी और घेराबंदी शुरू कर दी। जनरल जसबीर सिंह उस टीम का हिस्सा थे जिसे आतंकियों को निपटाने का काम सौंपा गया था।
इलाके में छिपे आतंकियों को घेरने और उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए लक्षित घर की तलाशी चल रही थी। आतंकी मौके से फरार ना हो जाए इसके लिए पूरे इलाके को एक छावनी में तब्दील किया गया। इस दौरान जसबीर सबसे आगे तैनात थे। तभी आतंकवादियों ने खुद को सुरक्षाबलों से घिरा देख घेराबंदी तोड़कर भागने की कोशिश में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी और 2 ग्रेनेड फेंके। अपने सैनिकों पर खतरे को भांपते हुए जनरल जसबीर सिंह तुरंत हरकत में आए और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना उन्होंने खुद को आगे किया और सटीक गोलीबारी से जवाबी कार्रवाई की। जनरल जसबीर सिंह की इस कार्रवाई ने आतंकवादियों के भागने का मार्ग अवरुद्ध कर दिया, इस बीच उन्होंने आतंकियों पर गोलीबारी जारी रखी। कुछ समय के उपरान्त वे अदम्य साहस दिखाते हुए आगे बढ़े, गोलीबारी कर रहे आतंकवादियों पर नजदीक से हमला किया। जसबीर की इस कार्रवाई में 1 A++ आतंकी मौके पर ही ढेर हो गया।
शौर्य चक्र से सम्मानित
हालांकि इस बीच दोनों तरफ से जारी गोलीबारी में, जनरल जसबीर सिंह को कई गोलियों लगी जिससे वे से गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया और वीरगति को प्राप्त हो गए। जनरल जसबीर सिंह एक बहादुर और समर्पित सैनिक थे, जिन्होंने 26 साल की छोटी उम्र में सेना की सेवा में अपना जीवन न्योछावर कर दिया। गनर जसबीर सिंह की अदम्य साहस, असाधारण वीरता, उत्कृष्ट कर्तव्य परायणता के लिए उन्हें मरणोपरांत 15 अगस्त 2022 को वीरता पुरस्कार, "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।
जसबीर सिंह के घर पर उनकी शादी की बातचीत चल रही थी लेकिन उससे पहले ही उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत को गले लगा लिया। तिरंगे में लिपटकर अमर बलिदानी जसबीर सिंह जब घर पहुंचे तो हर जुबां पर उनकी बहादुरी के किस्से थे।