पाकिस्तान में मारा गया हिजबुल का टॉप कमांडर आतंकी इम्तियाज उर्फ बशीर ; मस्जिद के बाहर हमलावरों ने मारी गोली

21 Feb 2023 11:50:32
 
Hizbul's top commander  Imtiaz alias Bashir Killed
  
 
 
 
सोमवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर रहा आतंकी बशीर अहमद पीर मारा गया। जानकारी के मुताबिक मस्जिद से नमाज पढ़कर बाहर निकलते वक्त आतंकी बशीर एक दुकान पर रुका तभी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। बता दें कि पिछले साल, 4 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने आतंकी इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था।  जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में भी आतंकी बशीर का हाथ रहा है।
 
 
पाकिस्तानी सरकार ने साधी चुप्पी 
 
 
बशीर अहमद पीर मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा इलाके का रहने वाला था। हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के साथ भागकर पाकिस्तान चला गया था। फ़िलहाल कई वर्षों से वह पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार की अधिसूचना में कहा गया कि बशीर अहमद पीर हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व-आतंकवादियों को एकजुट करने के लिए कई ऑनलाइन एक्टीविटीज में शामिल था।
 
 
आतंकी बशीर पर 23 मई, 2019 को कश्मीर में अल-कायदा की शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को मारने का आरोप लगाया गया था। बशीर को ISI ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने का जिम्मा सौंप रखा था। रावलपिंडी में इम्तियाज को किसने मारा, ये अभी पता नहीं है, लेकिन इम्तियाज के मारे जाने की खबर पुख्ता है। हालाँकि इस मामले में पाकिस्तान की सरकार ने भी अभी चुप्पी साध रखी है।
 
 
बशीर को मिली थी पाकिस्तान की नागरिकता 
 
 
रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2007 में पाकिस्तानी सेना के 'सैन्य खुफिया निदेशालय' ने आतंकी बशीर को हिरासत में ले लिया था। उस समय उसने अपने 'उत्तरी डिवीजन कमांडर' मोहम्मद शफी डार को मजबूत करने के लिए 12 आतंकियों की एक टीम भेजी थी। हालांकि, आईएसआई (ISI) के आदेश पर उसे जल्द ही रिहा कर दिया गया। आतंकी बशीर अहमद उर्फ़ इम्तियाज आलम हाजी, पीर और इम्तियाज के कोड नाम से जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था। पाकिस्तान की सरकार ने उसे अपने देश की नागरिकता दे दी थी। 
 
 
 
 
 
 
 
 
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