संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए 118500 करोड़ का बजट पेश ; जानें बजट से जुड़ी प्रमुख बातें
    15-मार्च-2023

 
Jammu & Kashmir Budget 2023-24

संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में गत सोमवार को संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए रिकॉर्ड 118500 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35A के खात्में और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का ये चौथा बजट है। इस वर्ष बजट राशि में वर्ष 2022-23 के मुकाबले लगभग साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। जबकि पिछले साल जम्मू कश्मीर के लिए 1.13 लाख करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया था। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य व बिजली क्षेत्र पर खासा जोर दिया है। हालांकि, सदन में विपक्ष के हंगामें के चलते इस पर चर्चा नहीं हो सकी।

 
5 वर्षों में GDP दोगुना करने का लक्ष्य
 

केंद्र द्वारा बजट के माध्यम से अगले 5 वर्षों में GDP को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया है। बजट में सामान्य प्रशासन विभाग में 560.86 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जो पिछले साल की तुलना में 6.66 % अधिक है। बात करें गृह विभाग की तो इसमें पिछले साल की तुलना में 5.63 % की बढ़ोतरी के साथ गृह विभाग का बजट 10314.22 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं सूचना विभाग में 1.28 % की बढ़ोतरी कर कुल बजट 122.05 करोड़ हो गया है। इसके अलावा संसदीय कार्य में 71.24 % की बढ़ोतरी के साथ कुल बजट 59.59 करोड़ किया गया है। विधि में 19.98 % की बढ़ोतरी के साथ 932.58 करोड़, राजस्व में 0.98 % की कटौती के साथ 830.54 करोड़, आतिथ्य एवं प्रोटोकाल में 4.21 % की वृद्धि के साथ 239.37 करोड़ और आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास में 1.73 % की कटौती के साथ 1009.82 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

 

 

सामाजिक सेक्टर


प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए 8.92 % की बढ़ोतरी के साथ शिक्षा बजट 12000.18 करोड़ किया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले में 2.90 % की वृद्धि के साथ 236.21 करोड़ रूपये किया गया है। जबकि स्वास्थ्य व मेडिकल शिक्षा में 5.05 % की कटौती के साथ 6264.75 करोड़, सामाजिक कल्याण में 19.55 % की बढ़ोतरी के साथ 3538.72 करोड़, लेखन सामग्री एवं प्रिंटिंग/श्रम एवं रोजगार में 3.50 % की बढ़ोतरी के साथ 111.13 करोड़, उच्चतर शिक्षा में 5.97 % की वृद्धि के साथ 1540.68 करोड़, जनजातीय कार्य में 7.85 % की कटौती के साथ 121.91 करोड़, संस्कृति में 22.51 % की बढ़ोतरी के साथ 97.38 करोड़ किया गया है।

 
युवा सेवाएं एवं तकनीकी शिक्षा में 2.73 % की बृद्धि के साथ 669.48 करोड़ रुपये रखे गए हैं। विद्युत विकास के लिए 0.37 % की कटौती के साथ 4388.24 करोड़, लोकनिर्माण कार्य में 10.38 % की बढ़ोतरी के साथ 1327.60 करोड़, आवास एवं शहरी विकास में 2.45 % की कटौती के साथ 1297.51 करोड़, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण में 3.66 % की वृद्धि के साथ 717.58 करोड़, जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग में 5.07 % की कटौती के साथ 1838.12 करोड़, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में 36.92 % की कटौती के साथ 13.02 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
 

आर्थिक सेक्टर (राजस्व व्यय)

 

खनन में 78.35 करोड़, उद्योग एवं वाणिज्य में 19.52 प्रतिशत की कटौती के साथ 347.44 करोड़, कृषि उत्पादन में 2.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1308.00 करोड़, पशु/भेड़पालन में 0.97 प्रतिशत की कटौती के साथ 669.08 करोड़, पर्यटन में 1.05 प्रतिशत की कटौती के साथ 215 करोड़, वन में 1.23 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1568.52 करोड़, मत्स्य पालन में 0.78 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 111.57 करोड़, ग्रामीण विकास 0.30 प्रतिशत की कटौती के साथ 748.34 करोड़, परिवहन में 2.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 107.39 करोड़, बागवानी में 3.06 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 161.52 करोड़, सहकारिता में 59.62 प्रतिशत की कटौती के साथ 71.20 करोड़ रुपये रखे गए हैं। 

 
बजट पर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा 
 
  
बजट को लेकर दिए अपने बयान में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हमें बजट को समग्रता में देखना चाहिए। हमारी 70% आबादी कृषि और संबद्ध क्षेत्र पर निर्भर है। हमने समग्र विकास के लिए जो योजना बनाई है, उसका बजट में अच्छा स्थान है। आने वाले 5 वर्षों में बजट में 5013 करोड़ रुपए जोड़े जाएंगे। हम औद्योगिक निवेश के साथ एक नई शुरुआत कर रहे हैं। नए जम्मू-कश्मीर के आधार को मजबूत करने के लिए बजट अच्छा है।
 
 
 

बजट से जुड़ी प्रमुख बातें


महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में बसों व गुलाबी टैक्सियों की शुरूआत की जाएगी। इसमें महिलाएं बस ड्राइवर व कंडक्टर होंगी।


GMC जम्मू व श्रीनगर में जल्द रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत की जाएगी।

भद्रवाह में देवदार की लकड़ी से तेल निकालने तथा उसके पैकेजिंग इकाई की स्थापना की जाएगी।


जम्मू संभाग के नरवाल में 2000 और सोपोर में 2500 मीट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज स्थापित किया जाएगा।


मनरेगा के तहत 400 लाख कार्य दिवस सृजित किए जाएंगे।


पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए श्रीनगर व जम्मू में वाटर पार्क का निर्माण।


सांबा जिले का ऐतिहासिक किला, त्राल में नरस्तान स्मारक, हरि पर्वत किला और रियासी किला का जीर्णोद्धार किया जाएगा।


जम्मू व श्रीनगर में इस वित्तीय वर्ष में एलिवेटेड लाइट मेट्रो परियोजना शुरू होने की भी उम्मीद है।


प्रमुख शहरों में लेडीज हाट व लेडीज विशेष बाजारों की स्थापना करने का विचार है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली की स्थापना की जाएगी।


रोजगार के लिए जम्मू व श्रीनगर समेत 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।


सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 80 नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।


सभी सीमावर्ती जिलों में पुलिस सीमा चौकियां बनेंगी।


जम्मू-कश्मीर पुलिस के वीर बलिदानियों व भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए प्रदेश में 2 छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही पुलिस आवासीय कालोनियां भी बनाई जाएँगी।