20-मार्च-2023 |
अनुच्छेद 370 व 35A के खात्में के बाद अब नया जम्मू कश्मीर तरक्की के नए आयाम गढ़ रहा है। प्रदेश में स्थिति जहाँ पहले से बेहतर हो रही है वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुल रहे हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद घाटी में बड़ी संख्या में निवेश के लिए उद्योगपति पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए दुबई स्थित 'बुर्ज खलीफा' बनाने वाली कंपनी 'EMAAR' जम्मू-कश्मीर में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर में प्रत्यक्ष रूप से यह पहला FDI यानि विदेशी निवेश है। EMAAR कंपनी ने केंद्र शासित प्रदेश में गत रविवार को इस परियोजना का शिलान्यास किया।
इस परियोजना के तहत श्रीनगर के बाहरी हिस्से में प्रदेश का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल और बहुमंजिले भवन का निर्माण किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यह शॉपिंग माल 5 लाख वर्ग फुट पर बनाया जाएगा। इस दौरान जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिलान्यास समारोह के दौरान कहा कि '500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से जम्मू कश्मीर में 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहली FDI परियोजना है। इस परियोजना की मदद से प्रदेश में रोजगार के कई नए अवसर विकसित होंगे।
शिलान्यास समारोह के दौरान MR समूह के CEO अमित जैन, बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय और अभिनेत्री नीतू चंद्रा भी उपस्थित रहे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए EMAAR समूह से इस परियोजना को 3 साल की समय सीमा से पहले पूरा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर देश का नया संसद भवन परिसर का काम महज 1.5 साल के भीतर पूरा किया जा सकता है,, तो हम निश्चित रूप से इसके तय समय से पहले पूरा होने की उम्मीद कर सकते हैं। लिहाजा अपनी बात रखते हुए EMAAR ग्रुप के सीईओ अमित जैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनकी कंपनी के निवेश का गहरा असर होगा। उन्होंने कहा कि हर एक रुपये के निवेश के साथ 9 रुपये का और निवेश होगा। लिहाजा इस तरह से 500 करोड़ रुपये का यह निवेश आगे चलकर 5,000 करोड़ रुपये के निवेश में बदल जाएगा।
बता दें कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कई बड़े समूह के साथ MoU पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इस कड़ी में बड़ी संख्या में निवेशक व कंपनियां जम्मू कश्मीर आ रही हैं। बात करें पिछले माह कि तो हाल ही में JSW (जिंदल साउथ वेस्ट) समूह ने भी अपना स्टील प्लांट लगाने के लिए पुलवामा में भूमि पूजन किया था। वही पुलवामा जो कभी आतंक का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता था। लेकिन आज वहां के युवकों के लिए रोजगार के नए रास्ते खुल रहे हैं। संसद में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बात का उल्लेख किया था कि, जम्मू कश्मीर सरकार को अब तक 64,058 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं। इन निवेश के जरिये जम्मू कश्मीर विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आज तक जो लोग ये कहते थे कि अनुच्छेद 370 के खात्में के बाद जम्मू कश्मीर में क्या बदलाव आया, उन्हें यक़ीनन वह यहां आकर प्रदेश में जारी तमाम नए विकास प्रोजेक्ट को जरूर देखना चाहिए। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का कार्य हो, रेलवे लाइन का कार्य हो, जम्मू-अखनूर हाईवे का विस्तारीकरण हो, टनलों का कार्य हो, या प्रदेश में बन रहे 2 एम्स, IIT, IIM आदि का काम हो यह सभी विकास परियोजनाएं इन दिनों जोरों पर हैं।