घायल होने के बावजूद आतंकियों को उतारा मौत के घाट ; जम्मू कश्मीर के जाबांज सिपाही मुदासिर को मरणोपरांत शौर्य सम्मान
   10-मई-2023
 
Shaurya Chakra to Constable Mudasir Ahmad Sheikh, J&K Police
 
 
 
वीरता को सम्मान :  25 मई 2022 की रात प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी जम्मू कश्मीर के बारामुला में आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे थे। इस बात की जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस के जांबाज सिपाही मुदासिर अहमद शेख उर्फ 'बिंदास' को मिली। मुदासिर ने बिना समय गंवाएं न केवल आतंकियों की नापाक साजिश को नाकाम बनाया बल्कि नाके पर ही आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। मौके पर जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना की अन्य टुकड़ी भी पहुंची और मुठभेड़ ने बड़ा रूप ले लिया। इस मुठभेड़ में मुदासिर अहमद गंभीर रूप से घायल हो चुके थे, किन्तु अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए होने मुदासिर अहमद शेख ने 1 आतंकी को मौत के घाट उतार दिया। मुदासिर के शौर्य को अब सम्मान मिला है। मंगलवार शाम को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
 
 
मुदासिर की वीरता 
 
 
मुदस्सर अहमद शेख उर्फ बिंदास बारामुला जिले के उरी सेक्टर का रहने वाले थे। जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर एसपीओ कार्यरत मुदस्सर के पिता भी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मुदासिर के परिजनों ने बताया कि मुदासिर को खाकी वर्दी से बचपन से ही प्यार था और उसका मकसद आतंकियों का सफाया था। इसलिए वह नागरिक सेवा को छोड़ पुलिस में भर्ती हो गया था। वह आतंकरोधी अभियानों में सदैव सक्रिय रहे और उसने बारामुला, पट्टन, उरी व साथ सटे इलाकों में अपने मुखबिरों का भी एक मजबूत जाल तैयार किया था। मुदासिर के सोर्स उन्हें आतंकियों से सम्बंधित जानकारी उन तक पहुंचाते थे और जानकारी मिलने के उपरान्त मुदासिर अपनी टीम के साथ आतंकरोधी अभियान में सबसे आगे रहते थे। 
 
 
 
 
 
बारामुला में शराब की दुकान पर हमला करने और नागरिकों पर हमले में लिप्त आतंकियों को पकड़ने में भी उनकी मुख्य भूमिका रही। बात है 25 मई 2022 की जब मुदासिर अपने साथियों संग नाजीबट इलाके में एक नाके पर तैनात थे। इसी दौरान पाकिस्तान प्रायोजित जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकियों की जानकारी मिली। ये तीनों आतंकी एक आत्मघाती हमले के लिए श्रीनगर की तरफ जा रहे थे। मुदासिर बिंदास और उनके साथियों ने आतंकियों को रोकने का प्रयास किया लेकिन पुलिस को देखते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। मुदासिर अहमद ने आतंकियों को आमने सामने की लड़ाई में उलझा लिया और कुछ ही देर में सुरक्षाबलों द्वारा तीनों आतंकी मारे गए।
 
 
शौर्य और पराक्राम के लिए मिला सम्मान 
 
 
हालाँकि इस दौरान मुदासिर भी मुठभेड़ में गोली लगने के कारण वीरगति को प्राप्त हो गए। लेकिन अपने प्राण त्यागने से पहले अपने साथियों की जान बचाते हुए मुदासिर ने एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया। मुदासिर को देश की सुरक्षा में अपने सर्वस्व बलिदान देने व मातृभूमि की रक्षा में अपने शौर्य और पराक्राम का उत्कृष्ट उदहारण पेश करने के लिए इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की संध्या पर शौर्य चक्र प्रदान करने का एलान किया गया था। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने माँ भारती के वीर सपूत अमर बलिदानी मुदासिर अहमद शेख को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। मुदासिर की माता जी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।