वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता सम्मान ; पापुआ न्यू गिनी में PM मोदी के सम्मान में टूटी वर्षों पुरानी परंपरा, 2 देशों से मिला सर्वोच्च सम्मान
   22-मई-2023
 
PM Modi in Papua New Guinea
 
 

समूचे विश्व में आज भारत की अपनी एक अलग और नई पहचान है। आज विश्व का हर देश भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब कभी विदेश दौरे पर किसी देश जाते हैं तो वहां के राष्ट्राध्यक्ष अपनी बाहें फैलाएं उनके स्वागत में खड़े होते हैं। आज भारत के सम्मान में और PM मोदी के स्वागत के लिए पूरी दुनिया बाहें फैलाए खड़ीं नजर आ रही है। दरअसल, ऐसा ही एक खुबसूरत और ऐतिहासिक दृश्य गत रविवार शाम देखने को मिला जब PM मोदी पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर पहुंचे।

 
चरण स्पर्श कर PM मोदी का स्वागत   
 
 
PM मोदी जैसे ही अपने विमान से नीचे उतरे तो पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने एयरपोर्ट पर सभी पुराने प्रोटोकॉल को तोड़कर PM मोदी का चरण स्पर्श कर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहाँ बता दें कि PM मोदी 'पापुआ न्यू गिनी' जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। एयरपोर्ट का यह अद्भुत दृश्य जहाँ एक तरफ पापुआ न्यू गिनी के PM की सहजता और आत्मीयता को दर्शाता है वहीं दूसरी तरफ यह दृश्य विश्व में बढ़ते भारत के प्रभाव को दर्शाता है। 
 
 
 
 
 
PM मोदी को सर्वोच्च सम्मान 
 

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी जापान के हिरोशिमा में आयोजित G-7 और क्वाड समिट में हिस्सा लेने के बाद सीधे पापुआ न्यू गिनी की यात्रा पर निकल गए। यहाँ वह FIPIC, 'यानी फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन' शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन में PM मोदी के अलावा 13 अन्य देशों के नेता भी शामिल हुए। FIPIC शिखर सम्मेलन के दौरान पापुआ न्यू गिनी में पलाऊ गणराज्य के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप्स, जूनियर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'एबकल पुरस्कार' से सम्मानित किया। साथ ही फिजी के प्रधानमंत्री सित्वनी राबुका की ओर से PM मोदी के वैश्विक नेतृत्व को देखते हुए फिजी के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया है। बता दें कि फिजी का सर्वोच्च सम्मान अब तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है।

 
 
 
 
पुरानी परंपरा को तोड़ PM मोदी का स्वागत
 

हर देश की अपनी एक परंपरा अपनी एक संस्कृति होती है। उसी परम्परा को ध्यान में रखते हुए सभी देश कार्य करते हैं। ठीक इसी प्रकार 'पापुआ न्यू गिनी' की अपनी एक परंपरा है कि सूर्यास्त के बाद वहाँ आने वाले विदेशी मेहमानों का स्वागत नहीं किया जाता। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, कूटनीति और रणनीतिक कुशलता का ही परिणाम है कि पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने वर्षों पुरानी अपनी इस परंपरा को तोड़ते हुए ना सिर्फ PM मोदी का भव्य स्वागत किया बल्कि उनके सम्मान में नतमस्तक भी हुए।

 
जेम्स मारपे ने की PM मोदी की तारीफ़ 
 
 
पीएम जेम्स मारपे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कहा "हम वैश्विक पावरप्ले के शिकार हैं। PM मोदी ग्लोबल साउथ के नेता हैं और हम वैश्विक मंचों पर आपके नेतृत्व का समर्थन करेंगे। जेम्स मारापे ने आगे कहा कि "आप वो आवाज हैं जो हमारे मुद्दों को उच्चतम स्तर पर पेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए एक वकील जैसा किरदार निभाएं। आप अकसर उन बैठकों में शामिल होते हैं जहां छोटे उभरते देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते हैं। आज हमारे नेताओं के पास आपसे बात करने का मौका है। मैं चाहता हूं आप उन्हें सुनने के लिए समय निकालें। साथ ही उम्मीद करता हूं कि भारत और प्रशांत के संबंध और मजबूत हों।  
 
 
 
 
PM मोदी का यह दौरा क्यों है ख़ास ? 
 

PM मोदी का पापुआ न्यू गिनी जाना कई मायनों में दोनों देशों के लिए खास है। सबसे बड़ी बात यह है कि मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिसने पापुआ न्यू गिनी का दौरा किया है। इसके अलावा प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ आपसी संबंध और सहयोग को आगे बढ़ाने के नजरिए से भी यह यात्रा महत्वपूर्ण है। यही नहीं, वैश्विक मंचों पर बढ़ती साख और वैश्विक महाशक्ति की ओर अग्रसर भारत के साथ संबंध बनाने के लिए कोई भी देश आतुर होगा। ऐसे में पापुआ न्यू गिनी समेत FIPIC के सभी सदस्य देशों के लिए भारतीय प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद खास होगा।

 
PM मोदी ने भारतियों से की मुलाकात 
 
 
इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए वहाँ रहने वाले भारतीय भी बड़ी संख्या में पहुँचे थे। पीएम मोदी का स्वागत करने आए भारतीयों में पुरुषों और महिलाओं के अलावा बच्चे भी शामिल थे। ऐसे में पीएम मोदी ने लोगों से मिलकर उनका अभिवादन भी स्वीकार किया। कुछ लोग प्रधानमंत्री के लिए तोहफे भी लेकर आए थे।