दुनिया में फिर बजा भारत का डंका ; WMO के तीसरे उपाध्यक्ष चुने गए IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र

दुनिया भर में एक बार फिर भारत और भारतवंशियों का डंका बजा है। भारतीय मौसम विभाग पर अपनी पैनी नजर रखने वाले 'भारत मौसम विभाग यानि IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र अब पूरी दुनिया के मौसम पर अपनी नजर रखेंगे। दरअसल IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र 'विश्व मौसम विभाग संगठन' (WMO) के उपाध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने WMO के उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीत कर भारत को गौरवान्वित करने का अवसर प्रदान किया है।
डॉ महापात्र को मिले 148 में से कुल 113 वोट
इस पद के लिए हुए चुनाव में डॉ मृत्युंजय महापात्र को 148 में से कुल 113 वोट हासिल हुआ और महापात्र डब्ल्यूएमओ के तीसरे उपाध्यक्ष चुन लिए गए। सदन में जब उनके जीत की घोषणा हुई तो पूरा सदन तालियों से गूंज उठा। इस ऐतिहासिक क्षण का IMD ने भी वीडियो भी शेयर किया है। वहीं डॉ महापात्र के अलावा आयरलैंड से मेट ईरेन के निदेशक इयोन मोरन और कोटे डी आइवर के मौसम विज्ञानी डौडा कोनाटे भी उपाध्यक्ष चुने गए हैं। WMO का चुनाव गुरुवार (01 जून) को जिनेवा में हुआ। इसमें संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अब्दुल्ला अल मंदौस WMO के अध्यक्ष चुने गए हैं।
वहीं इस सप्ताह की शुरुआत में, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन को अंटार्कटिक संधि परामर्श तंत्र (एटीसीएम) के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। बता दें कि WMO में 1 अध्यक्ष और 3 उपाध्यक्ष होते हैं। इनमें विश्व मौसम विभाग के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल मंदौस का कार्यकाल 4 वर्ष का होगा। अर्जेंटीना की सेलेस्टे साउलो को WMO की पहली महिला महासचिव नियुक्त किया गया है। जिनमें अब्दुल्ला अल मंदौस को अध्यक्ष और मृत्युंजय महापात्र, इयोन मोरन और डौडा कोनाटे को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कौन हैं मृत्युंजय महापात्र?
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले मृत्युंजय महापात्र को भारत के 'साइक्लोन मैन' के रूप में जाना जाता है। वह 2019 से देश के शीर्ष मौसम कार्यालय का नेतृत्व कर रहे हैं। पिछले दो दशकों में आईएमडी की तरफ से फैलिन, हुदहुद, वरदा, तितली, सागर, मेकूनू और फानी जैसे कई चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणियों में महापात्र का अहम योगदान रहा है। उन्हें साल 2019 से मौसम विभाग में बतौर महानिदेशक नियुक्त किया गया था। उनका जन्म उड़ीसा के भद्रक जिले के एक छोटे-से गांव में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही चक्रवातों के कारण होने वाले नुकसान को काफी करीब से देखा है। उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में पीएचडी की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 1990 के दशक से मौसम विभाग से जुड़ गए थे।
क्या है WMO?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) को 1950 में स्थापित किया गया था। डब्ल्यूएमओ विश्व जलवायु की स्थिति पर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी करता है। यह रिपोर्ट मौसम की घटनाओं के साथ-साथ स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर तापमान पर पूरी जानकारी देने का काम करती है। इसके अलावा टिड्डियों के झुंड को लेकर भविष्यवाणी करना WMO की एक और जिम्मेदारी है। भारत 1949 से डब्ल्यूएमओ का सदस्य है। डब्ल्यूएमओ ने चक्रवात अम्फान के पूर्वानुमान और अपडेट में भारत की आईएमडी की उल्लेखनीय सटीकता की भी तारीफ की थी।