RememberingOurKargilHeroes : कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट बलवान सिंह की वीरगाथा, जिन्होंने 4 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर टाइगर हिल पर फहराया तिरंगा
   03-जुलाई-2023
 
Maha Vir Chakra Awardee Lieutenant Balwan Singh
 
 

26 जुलाई को कारगिल युद्ध को 24 वर्ष पुरे होंगे। ‘ऑपरेशन विजय’ की कामयाबी में माँ भारती के सैंकड़ों वीर सपूतों ने अपने शौर्य और वीरता से पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाने का काम किया था। वीरगाथा की इस कड़ी में हम बात करेंगे महावीर चक्र से सम्मानित 18 ग्रेनेडियर्स के लेफ्टिनेंट बलवान सिंह की। जिन्होंने युद्ध के दौरान दुश्मनों के कब्जे से टाइगर हिल को मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 
लेफ्टिनेंट बलवान सिंह की वीरगाथा
 
 
कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने टाइगर हिल पर कब्ज़ा कर लिया था। टाइगर हिल को दुश्मनों से मुक्त कराने की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट बलवान सिंह जो अब कर्नल हो चुके हैं उन्हें सौंपी गई। कमांडिंग अफसर से मिले आदेश के बाद लेफ्टिनेंट बलवान सिंह अपने घातक पलटन के साथ बर्फ से लिपटी चोटी पर चढ़ाई शुरू कर दी। 25 साल के इस जवान ने न सिर्फ अपने जवानों का नेतृत्व किया बल्कि दुर्गम पहाड़ी में मौजूद दुश्मनों के खात्मे के लिए खुद के खाने के सामानों से ज्यादा असलहा और बारूद अपने साथ ले गए। उन्होंने मिशन पर आगे बढ़ने से पहले कसम खाई कि 'चाहे कुछ भी हो जाए टाइगर हिल पर हम तिरंगा फहरा कर वापस लौटेंगे।
 

लेफ्टिनेंट बलवान सिंह के नेतृत्व में 18 ग्रेनेडियर के जवानों ने 16,500 फीट ऊंची टाइगर हिल पर कब्जा करने के लिए 12 घंटों से अधिक कड़ी मशक्कत की। टाइगर हिल पर चढ़ाई कर पाना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण था। पर बावजूद इसके लेफ्टिनेंट बलवान सिंह की टुकड़ी ने इस दुर्गम चढ़ाई को जारी रखा और दुश्मनों की भारी गोलीबारी के बीच मिशन के करीब जा पहुंचे। हालाँकि दुश्मनों की इस भारी गोलीबारी में 44 जवान वीरगति को प्राप्त हो चुके थे। यहां तक की बलवान सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। लेकिन अपनी जान की परवाह न करते हुए लेफ्टिनेंट सिंह ने घायल होने के बावजूद 4 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था।

  
 
Tiger hill kargil war
 
 
लेफ्टिनेंट बलवान सिंह की घातक पलटन के इस कार्रवाई ने टाइगर हिल पर मौजूद पाकिस्तानी सैनिकों को पूरी तरह से आश्चर्यचकित कर दिया था। उनकी टुकड़ी के जवाबी हमले की वजह से टाइगर हिल पर मौजूद कई पाकिस्तानी सेना के जवानों को वहां से भागना पड़ा। माँ भारती के वीर सपूत लेफ्टिनेंट बलवान सिंह के कुशल नेतृत्व और उत्तम युद्ध कौशल के कारण उनकी टुकड़ी ने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया। हरियाणा के रोहतक जिले में जन्में बलवान सिंह को युद्ध के बाद 26 जनवरी 2000 को राष्ट्रपति द्वारा उनके असाधारण वीरता और उत्तम युद्ध कौशल के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
 
 
महावीर चक्र से सम्मानित
 

भारतीय सेना ने कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर 2 महीने से अधिक समय तक चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की थी। इस युद्ध में माँ भारती के 500 से अधिक वीर जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

  
कारगिल युद्ध के बाद बलवान सिंह का कार्यकाल
 

संघर्ष के बाद, सिंह को सेवा संख्या IC-56218 के साथ एक नियमित कमीशन प्रदान किया गया। 2001 में, उन्होंने सिएरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMSIL) में भाग लिया। 6 नवंबर 2003 को उन्हें कप्तान और 6 नवंबर 2005 को मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया। वह भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षक थे और उन्होंने सेवा चयन बोर्ड, इलाहाबाद में समूह परीक्षण अधिकारी के रूप में भी काम किया है। 6 नवंबर 2012 को लेफ्टिनेंट-कर्नल के रूप में पदोन्नत किया गया और 6 नवंबर 2014 को कर्नल (चयन द्वारा) (5 मार्च 2014 से वरिष्ठता), सिंह अंततः 18 ग्रेनेडियर्स के सीओ बन गए, उन्होंने ग्वालियर में अपनी बटालियन की कमान संभाली और सियाचिन ग्लेशियर पर. 2018 तक, वह पीएच एंड एचपी इंडिपेंडेंट सब एरिया अंबाला में कर्नल जनरल स्टाफ हैं।