पाकिस्तान में भारत विरोधी कुख्यात आतंकवादियों का एक-एक कर सफ़ाया जारी है। भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले इन आतंकवादियों की हत्या अज्ञात बंदूकधारी कर रहे हैं, जिनकी जानकारी जुटाने में पाकिस्तान की पुलिस अब तक नाकाम रही है। आतंकियों के इस सफ़ाया अभियान की इस कड़ी में अज्ञात बंदूकधारियों ने गत शुक्रवार को भारत के मोस्ट आतंकी अबू क़ासिम की POJK में गोली मारकर हत्या कर दी। अबू क़ासिम प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सरगना हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता रहा है। अबू कासिम को पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर (PoJK) के रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर अज्ञात बंदूक़धारियों ने गोली मारी है।
भारत में कई आतंकी हमलों के लिए था जिम्मेदार
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ आतंकी अबू कासिम भारत में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था। वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हाई प्रोफाइल हमलों में शामिल था। इतना ही नहीं, वह पाकिस्तान के अवैध क़ब्ज़े वाले जम्मू कश्मीर से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को लॉन्च पैड के जरिए जम्मू कश्मीर में दाखिल कराता था। वह उन आतंकवादियों के रहने, खाने-पीने और पैसों का इंतजाम भी करता था। इसके अलावा आतंकी कासिम स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठन लश्कर में भर्ती करने के काम में भी शामिल था। उसे इसके लिए पाकिस्तान से पैसे मिलते थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां काफी समय से अबू कासिम की तलाश कर रही थीं।
हाफिज सईद का करीबी था अबू कासिम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ लश्कर-ए-तैयबा के सरग़ना और जमात-उद-दावा (जेयूडी) का प्रमुख हाफिज सईद मारे गए आतंकवादी अबू कासिम को काफी भरोसेमंद मानता था। दोनों के करीबी संबंधों ने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादियों की भर्ती को तेज किया था। हाफिज सईद जम्मू कश्मीर में होने वाले हर आतंकवादी हमले की प्लानिंग अक्सर अबू कासिम को ही सौंपता था। अबू कासिम पाकिस्तान में बेहद लो प्रोफाइल में रहता था, ताकि कोई उसकी पहचान न कर सके। इसके बावजूद हमलावर कई दिनों से अबू कासिम के पीछे पड़े हुए थे। और मौक़ा मिलते ही उसे मौत के घाट उतार दिया।
पाकिस्तान में एक-एक कर हो रहा आतंकियों का सफ़ाया
पाकिस्तान में बैठे भारत विरोधी इन आतंकियों का बीते कुछ दिनों से एक-एक कर सफाया हो रहा है। पिछले महीने ही 12 अगस्त को हाफिज सईद के एक और करीबी खालिद सैफुल्लाह को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। गनीमत रही कि सैफुल्लाह जिंदा बच गया। खालिद लंबे समय से पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के लिए समर्थन और फंड जुटाने का काम संभाल रहा था। इससे पहले 30 मई को लश्कर के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की खबर आई थी। भुट्टावी ने 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी। वह लंब समय से पाकिस्तान की जेल में टेरर फाइनेंसिंग मामले में सजा काट रहा था।
बीते कुछ माह में मारे गए आतंकी
इससे पहले पाकिस्तान की शरण में बैठकर आतंकी नेटवर्क चलाने वाले खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवर को भी अज्ञात हमलावरों ने 7 मई को लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी।
20 फरवरी को आतंकी बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज जो कि जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला था और पाकिस्तान में बैठा था, अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। हिजबुल मुजाहिदीन के लॉन्चिंग कमांडर रहे बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को रावलपिंडी में गोलियों से भून दिया गया था। पिछले ही साल भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित किया था।
आतंकी एजाज अहमद अहंगर की 22 फरवरी, 2023 को अफगानिस्तान के काबुल में हत्या कर दी गई। भारत में इस्लामिक स्टेट को फिर से शुरू करने में जुटा एजाज अल कायदा के भी संपर्क में था। 1996 में जम्मू कश्मीर की जेल से छूटने के बाद वह पाकिस्तान भाग गया और फिर वहां से अफगानिस्तान चला गया। भारत सरकार ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में रखा था।
पाकिस्तान में अल बद्र के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अल बद्र एक कट्टर संगठन है, जो कश्मीर में आतंकियों को ट्रेंड कराता था। सैयद खालिद रजा की कराची में उसके घर के बाहर ही अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भारत की वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल सैयद नूर शालोबर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला था। शालोबार पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का काम करता था और नए आतंकियों की फौज को ट्रेंड करता था।