
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मामले में इस वक्त बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को ASI सर्वे की रिपोर्ट सौंप दी है। लिहाज़ा अब हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। विष्णु शंकर जैन ने ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये दावा किया है कि ज्ञानवापी में भव्य हिंदू मंदिर होने के पुख़्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने ASI का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था और इसके कुल 32 साक्ष्य मिले हैं। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है।
ASI की 839 पेज की सर्वे रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद से पहले वहां हिन्दू मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। ASI ने ये पाया है कि हिन्दू मंदिर का स्ट्रक्चर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है और मस्जिद बनाने में मलबे का उपयोग किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2 तहखानों में हिन्दू देवी-देवताओं का मलबा मिला है। ASI की रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिन्दू मंदिर का भाग है। पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़ने में आदेश और तारीख मिली है। महामुक्ति मंडप लिखा पत्थर भी मिला है। अब हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि ज्ञानवापी में मौजूद वजू खाने के सर्वे के लिए मांग करेंगे।

ASI रिपोर्ट में के मुताबिक़ मंदिर के खंभों को हल्का-फुल्का बदलकर नए ढांचे में उपयोग किया गया है। साथ ही खंभों से नक्काशी मिटाने का भी प्रयास किया गया है। इसके अलावा 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं, जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं। ग़ौरतलब है कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे हुआ था। 18 दिसंबर को वाराणसी जिला कोर्ट में ASI ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। 24 जनवरी को कोर्ट ने दोनों पक्षों को ASI रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।