कई मायनों में बेहद ख़ास होगा गणतंत्र दिवस समारोह ; कर्तव्य पथ पर दुनिया देखेगी स्वदेशी हथियारों की ताक़त

    25-जनवरी-2024
Total Views |
 
indian republic day
 
इस वर्ष देश का 75वाँ गणतंत्र दिवस कई मायनों में बेहद ख़ास और ऐतिहासिक होने वाला है। अमृतकाल के इस गणतंत्र दिवस को महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित रखा गया है। साथ ही गणतंत्र दिवस परेड में आत्मनिर्भर भारत की झलक भी नज़र आएगी। इसके अलावा इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की कमान तीनों सेनाओं यानि जल, थल और नभ की कामन महिलाओं के हाथों होगी। वहीं आसमान में स्वदेशी विमान ऐसा करतब दिखायेंगे जिसे देख दुश्मन देश भी चौंक ख़ौफ़ खा जाएंगे।
 
16 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान भरने वाला भारतीय वायु सेना का प्रचंड हेलीकॉप्टर, 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दागने वाला पिनाक लॉन्चर, 4 किलोमीटर दूर तक अचूक निशाना लगाने वाली नाग मिसाइल जैसे अनेक स्वदेशी विमानों व हथियारों की झलक देखने को मिलेगी। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में दुनिया ऐसे तमाम 'मेड इन इंडिया' हथियारों को देखेगी। इसके अतिरिक्त भारतीय सेना के साथ फ़्रांसीसी सेना भी इस वर्ष कर्तव्य पथ पर अपना दमख़म दिखाएगी। आज की इस कड़ी में हम उन स्वदेशी हथियारों से आपको रूबरू कराएंगे जो कल यानि गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर अपना जलवा बिखेरेंगे।
 
 
prachand helicopte
 
प्रचंड हेलीकॉप्टर की विशेषता
 
वायुसेना का प्रचंड हेलीकॉप्टर अपने साथ घातक हथियार लेकर क़रीब 16,400 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने वाला लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर है।
 
* इसे भारतीय सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि HAL के साथ मिलकर तैयार किया है।  इसकी ऊँचाई क़रीब 15.5 फीट है और लंबाई 51.10 फीट।
 
 प्रचंड हेलिकॉप्टर की तुलना चीन के Z-10 और साउथ कोरिया के FA-50 लड़ाकू हेलिकॉप्टर से होती है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा हेलीकॉप्टर है जो 16 हज़ार फीट की ऊँचाई पर लैंड और टेकऑफ़ करने में सक्षम है।
 
 
हेलीकॉप्टर में कॉकपिट के ठीक नीचे 20 mm की तोप लगी है, जो पलक झपकते दुश्मनों का काम तमाम कर सकती है।
   
इसके अतिरिक्त 4 अन्य हथियार लगाने के लिए 4 हार्ड प्वाइंट्स बने हैं।
     
इसमें दुश्मनों पर हमला करने के लिए 4 मिसाइल, क्लस्टर बम या ग्रेनेड लॉन्चर लगाए जा सकते हैं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इस तरह के हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस हुई थी। लिहाज़ा ऊँची पहाड़ियों पर हथियारों के साथ उड़ान भर सकें इसके लिए इसे निर्मित किया गया।
 

Pinaka missile 

पिनाक रॉकेट लॉन्चर की विशेषता

*   इस रॉकेट लॉन्चर का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है।
 
*   पिनाक रॉकेट लॉन्चर 44 सेकेंड में 12 रॉकेट्स दागने में सक्षम है।
 
 यह पूर्ण रूप से स्वदेशी है।
 
*   यह अपनी स्पीड की वजह से बेहद खतरनाक माना जाता है।
 
*    इसकी लंबाई 23 फीट 7 इंच और डायमीटर यानि व्यास 8.4 इंच।
 
*    इसका वजन 280 किलोग्राम है।
 
*    इसकी गति क़रीब 5757.70 किलोमीटर प्रति घंटा है।
 
  भारतीय स्वदेशी पिनाक मिसाइल ने अमेरिकी हिमार्स मिसाइल को भी रेंज में पीछे छोड़ दिया है।
 
*    पिनाक की ऑपरेशनल रेंज 800 किलोमीटर है, जबकि हिमार्स का 450 किलोमीटर है।
 
कारगिल युद्ध में पिनाक ने दुश्मनों पर हमला कर उन्हें धूल चटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
 

T90 Bhishma Tank 
 
 
1981 में भारतीय सेना को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की जरूरत हुई। 1986 में इस तरह की मिसाइल बनाने के लिए 26 करोड़ रुपए DRDO को दिये गए। 2000 में पिनाक के लिए एक अलग से रेजिमेंट बनाने की शुरुआत हुई। 19 अगस्त 2020 को पिनाक के नए वैरिएंट का पोखरण में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
 
*  रूस की टेक्ननोलॉजी से भारत में तैयार T-90 भीष्म टैंक
 
*  इस टैंक की ऊँचाई 7.28 फीट और लंबाई 31.26 इंच।
 
*  टैंक की चौड़ाई 12.40 फीट और वजन 46000 किलोग्राम।
 
टैंक का ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर और रफ़्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा, क्रू क्षमता 3
 
*  भारत ने इन टैंक्स का यूज अभी तक किसी भी जंग में नहीं किया है। हालांकि, ये स्वदेशी टैंक चीन और            पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किए गए हैं।
 
* चीन और पाकिस्तान के VT-4 की तुलना भारत का भीष्म टैंक कहीं बेहतर।
 
* चीनी VT- 4 की ऑपरेशनल रेंज सिर्फ 500 किमी है, जबकि भीष्म की ऑपरेशनल रेंज 550 किमी से ज्यादा।
 
 
BMP-2
 
BMP-2 टैंक
 
*  पहाड़ी क्षेत्रों में युद्ध के दौरान इसे गेमचेंजर माना जाता है।
 
*  भारत ने रुस से इसे ख़रीदा है। लेकिन अब भारत इसे खुद से तेलंगाना के मेडक स्थित हथियार फैक्ट्री में          बनाता है।
 
*  इसकी लंबाई 22 फीट, चौड़ाई 10 फीट और ऊँचाई 8 फीट।
 
*  इस टैंक का वजन 14 हज़ार 300 ग्राम।
 
 इसका ऑपरेशनल रेंज 600 किलोमीटर और रफ़्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा।
 
*  क्रू क्षमता 3 चालक 7 अन्य और हथियार 30 mm मशीन गन।
 
*  यह टैंक 360 डिग्री घूमकर हमला करने में सक्षम।
 
इसका उपयोग दिन या रात किसी भी वक्त किया जा सकता है।
 
 * चीनी WZ-551 की तुलना में भारतीय BMP-2 ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
 

MR-SAM 
 
MR-SAM मिसाइल
 
इस मिसाइल को भारत ने इज़राइल की मदद से तैयार किया है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से लैस है।
 
*  इसकी लंबाई 14 फीट, व्यास 1.47 फीट और वजन 275 किलोग्राम।
 
हवा में ऑपरेशनल रेंज 70 किलोमीटर।
 
*  रफ़्तार 2448 किलोमीटर प्रति घंटा।
 
*  यह इजराइल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है।
 
*  नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
 
*  यह घातक मिसाइल भी पूरी तरह से स्वदेशी है।
 
*  इसकी लंबाई 6 फीट 1 इंच और व्यास 7.9 इंच
 
*  वजन क़रीब 45 किलोग्राम
 
*  गति 828 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकांश रेंज 4 किलोमीटर।
 
*  नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को हेलिना (HELINA) भी कहते हैं। इसे DRDO ने बनाया है।
 
*  1988 में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में इस मिसाइल को बनाने की शुरुआत हुई।
 
*  1990 में इसका पहली बार सफल परीक्षण किया गया।
 

MR-SAM 
 
नाग मिसाइल की मारक क्षमता को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2000 में इसे भारतीय सेना के बेड़े में शामिल करने का ऐलान किया।