‘CAA देश का कानून, चुनाव से पहले होगा लागू’ – गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा बयान

    10-फ़रवरी-2024
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Amit shah On CAA
 
 
CAA यानि (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) को लेकर गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कानून हर हाल में देश में लागू होकर रहेगा। यह देश का कानून है और इसका लागू होना तय है। पहले पश्चिम बंगाल और आज शनिवार को ‘ET नाउ के नाउ-ग्लोबल बिजनेस समिट’ में गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही देश में CAA के नियम को नोटिफाई कर दिया जाएगा।
 
 
गृह मंत्री अमित शाह से जब CAA को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘CAA देश का कानून है, और इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे। कब तक लागू किया जाएगा के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इसे लोकसभा चुनाव से पहले ही नोटिफाई किया जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे लेकर किसी को भी किसी भी प्रकार का कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए।
 
 
CAA को लेकर कांग्रेस पर निशाना
 
 
अमित शाह ने शनिवार को ET नाउ-ग्लोबल बिजनेस समिट में चर्चा के दौरान गृहमंत्री शाह ने कहा कि ‘कांग्रेस सरकार ने UPA शासनकाल में CAA लागू करने का वादा किया था। जब कई देशों में अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार हो रहे थे, तो कांग्रेस ने रिफ्यूजियों को भरोसा दिलाया था कि वे भारत आ सकते हैं। उन्हें यहां की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन, अब कांग्रेस अपनी बात से मुकर रही है’।
 
 
 
 
 
नागरिकता छिनने का नहीं देने का कानून
 
 
गौरतलब है कि CAA को लेकर देश के मुस्लिम समुदाय में संदेह की स्थिति है। उन्हें CAA को लेकर गलत जानकारी देकर बहकाया गया है। इस स्थिति पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कहा कि ‘हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय को CAA को लेकर उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि CAA किसी की नागरिकता छीनता नहीं बल्कि नागरिकता प्रदान करने वाला कानून है। इस कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं छीन सकती, क्योंकि इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। CAA ऐसा एक्ट है जो बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अत्याचार सह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलाएगा।
 
  
क्या है CAA ?
 
 
2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून बना था। उस समय सीएए कानून का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हुआ था। तब से यह कानून अमल में नहीं लाया जा सका है। सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। ये ऐसे लोग होंगे, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे। बहरहाल, नई अधिसूचना से ऐसे लोग अब भारत के नागरिक हो सकेंगे। इस कानून के तहत केंद्र ने देश के 13 जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है।
 
 
बताना चाहेंगे, ये शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में हैं। 2021 में मोदी सरकार ने CAA को लेकर जब अधिसूचना जारी की थी तब उसमें कहा गया था कि ‘नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है। मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा (गुजरात), दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़), जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं।’